नई दिल्ली: 43 साल पहले मुरादाबाद में भड़के दंगों को लेकर योगी सरकार ने विधानसभा में रिपोर्ट पेश कर दी है. बता दें कि सीएम योगी की अध्यक्षता में 11 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में मुरादाबाद दंगे की न्यायिक जांच की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.
'डॉक्टर शमीम अहमद खान था दंगे का सूत्रधार'
496 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई बड़े नामों का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर शमीम अहमद खान इस दंगे का सूत्रधार था. हालांकि, मुस्लिम लीग पार्टी के इस नेता की मौत हो चुकी है.
'पुलिस ने जो गोली चलाई वह सही थी'
मुरादाबाद में यह दंगा ईद की नमाज पढ़ने के बाद भड़का था. रिपोर्ट के मुताबिक दंगे के बाद पुलिस और मुस्लिम पक्ष में झड़प हुई थी और पुलिस ने जो गोली चलाई थी वह सही थी, पुलिस ने आवश्यकता के अनुसार गोली चलाई थी.
#WATCH | Lucknow: In UP Assembly, CM Yogi Adityanath says, "For the first time, the high school and intermediate board exams which used to continue for 2-3 months earlier, now is being completed in 15 days. Within 14 days, the results were also out...The results of 56 lakh… pic.twitter.com/HhXl2N9gdm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 8, 2023
13 अगस्त 1980 को मुरादाबाद में भड़क गया था दंगा
13 अगस्त 1980 को जिस दिन यह दंगा भड़का उस दिन ईदगाह में करीब 70 हजार मुसलमान नमाज अता कर रहे थे. तभी भीड़ में कोई पशु (सुअर) घुस गया जिसके बाद पुलिस और मुस्लिम पक्ष में झड़प हो गई. देखते ही देखते यह झड़प खून खराबे में बदल गई.
इस दंगे में लगभग 83 लोगों की जान चली गई है. उस समय केंद्र और यूपी में कांग्रेस की ही सरकार थी. इंदिया गांधी सीएम थीं और वीपी सिंह यूपी के सीएम थे.
जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने में क्यों लगा इतना वक्त?
इतने वक्त बाद जांच को सार्वजनिक करने की वजह बताते हुए कहा गया है कि पिछली सरकारों में कैबिनेट से अप्रूवल न मिलने के कारण रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में इतना समय लग गया.
गौरतलब है कि दंगे की जांच के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री वीपी सिंह ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था. जस्टिस सक्सेना आयोग ने दंगों के तीन साल बाद जांच रिपोर्ट सौंप दी थी लेकिन वोट बैंक की राजनीति समेत कई कारणों की वजह से 43 सालों तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी. मुरादाबाद दंगे के पीड़ित आज भी न्याय और मुआवजे की मांग को लेकर भटक रहे हैं.
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