Year Ender Politics 2024: अयोध्या में हार से बीजेपी को नहीं बचा पाए 'राम लला', भव्य मंदिर बनाने के बाद भी जनता क्यों थी नाराज?
Year Ender Politics 2024: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उस सीट से हार मिली थी, जिसके बारे में पार्टी ने कभी सोचा भी नहीं था. ये सीट कोई और नहीं बल्कि अयोध्या की सीट थी. राम मंदिर बनाने के बाद भी इस सीट से पार्टी को बड़ी हार मिली थी. जिसकी चर्चा अभी भी विपक्षियों द्वारा की जाती है.
Year Ender Politics 2024: देश में इस साल चुनाव पर्व मनाया गया. एक साल में देश भर में लगभग 15 चुनाव हुए. जिसमें विधानसभा, उप चुनाव और लोकसभा चुनाव भी शामिल था. लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल देखने को मिली थी. चुनाव से पहले मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए सभी विपक्ष एकजुट हो गएृ, लगभग 26 पार्टियों ने मिलकर इंडिया गठबंधन का निर्माण किया. हालांकि लोकसभा में एकसाथ चुनाव लड़ रही ये महा गठबंधन विधानसभा में एक दूसरे के खिलाफ बड़े-बड़े आरोप लगाती नजर आई.
इंडिया गठबंधन के द्वारा पुरज़ोर कोशिश किए जाने के बाद भी एक बार फिर से देश में NDA गठबंधन ने जीत हासिल कर ली. लेकिन विपक्ष की कोशिश ने बीजेपी की स्थिति कमजोर कर दिया. 2019 लोकसभा में 303 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी 2024 में महज 240 सीटों पर सीमट गई. हालांकि अपने सहयोगी दलों की मदद से नरेंद्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री चुने गए.
राम लला को लाने वालों को दिखाया बाहर का रास्ता
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद दो नामों पर खूब चर्चा की गई. पहला नाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरा नाम आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का सुनने को मिला. दोनों नेताओं की पार्टियां क्रमश जेडीयू और टीडीपी ने मोदी सरकार की सत्ता वापसी कराई. हालांकि इस चुनाव के नतीजे के बाद एक मुद्दे ने खूब सुर्खियां बंटोरी थी. ये मुद्दा कुछ और नहीं बल्कि राम मंदिर का था.
दरअसल , बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान लगातार राम मंदिर का नारा लगा रही थी. ये पार्टी देश की जनता के बीच राम लला के वापसी का जश्न मना रही थी, लेकिन लोकसभा नतीजा बिल्कुल विपरीत रहा. अयोध्या की जनता ने राम लला को वापस लाने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इस चुनाव में पूरे उत्तर प्रदेश में बीजेपी का खराब प्रदर्शन देखने को मिला था. जहां लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं इस बार पार्टी महज 33 सीटों पर सीमट गई. इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा इस बात पर हुई की पार्टी ने जिस अयोध्या के नारे पूरे देश में लगाए वहीं अयोध्या वासियों ने उन्हें हरा दिया.
इस वजह से जनता नाराज
बाद में विपक्ष द्वारा यह कहा गया कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार ने अयोध्या की जनता का जमीन छीन लिया. सरकार द्वारा कई घरों पर बुलडोजर चलाए गए, लोग बेघर हुए और सड़क पर सोने के लिए मजबूर हो गए. विपक्ष ने यह भी कहा कि सरकार ने जिन लोगों को जमीन छीना उन्हें कोई मुआवजा तक नहीं दिया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि सभी को जमीन के बदले पैसे दिए गए थे.
हालांकि सरकार की ओर से यह कहा गया था कि मंदिर के निर्माण से पूरे अयोध्या का विकास होगा, ना केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी लोग अयोध्या आएंगे. जिससे वहां का विकास होगा. लेकिन शायद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बातों को अयोध्या की जनता को समझा नहीं पाएं या फिर वहां की जनता उनकी बातों पर भरोसा नहीं कर पाई. जिसका नतीजा यह रहा कि पार्टी उस जगह से हार गई जहां की चर्चा सबसे ज्यादा कर रही थी. हालांकि इतिहास के पन्नों में यह वाकया अब पूरी तरह से लिखा जा चुका है, जिसे सालों साल तक दोहराया जाएगा.