Priyanka Gandhi: भारतीय राजनीति में इस साल काफी उथल-पुथल देखने को मिला. ये साल चुनावों का साल रहा, इस दौरान लगभग 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव और 15 राज्यों में उपचुनाव हुआ. इसी साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी धारा 370 हटाए जाने के बाद पहली बार चुनाव हुआ है. वहीं देश में लोकसभा चुनाव भी संपन्न हुए. जिसमें एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की है.
ये साल गांधी परिवार के लिए भी काफी महत्वपूर्ण था. क्योंकि 2024 में ही राहुल गांधी ने डबल जीत के साथ कमबैक किया. इसके अलावा गांधी परिवार की एक और होनहार नेता प्रियंका गांधी ने भी राजनीति में एंट्री ले ली. जिसके बाद संसद में अब सोनिया गांधी (राज्यसभा), राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत 3 गांधी हो गए.
प्रियंका गांधी वायनाड से सांसद चुनी गई. पहली बार राजनीति के मैदान में उतरी प्रियंका गांधी ने अपने भाई को भी पीछे छोड़ दिया. लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी अपने दोनों पारिवारिक सीट अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ने उतरे. उन्होंने इन दोनों सीटों से शानदार जीत हासिल की. राहुल गांधी ने अमेठी से बीजेपी की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी को भारी मतों से हरा दिया. राहुल गांधी ने अमेठी सीट पर बने रहने का फैसला लिया. जिसके बाद वायनाड सीट एक बार फिर खाली हो गया. इसी के साथ राहुल गांधी ने बहन प्रियंका के लिए रास्ता आसान कर दिया.
राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद वहां एक बार फिर उपचुनाव कराया गया. चुनाव से पहले कई तरह की बातें कही जा रही है. कुछ लोगों का कहना था कि इस सीट से कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा चुनाव उतरेंगे हालांकि इस बार पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी को मौका मिला. प्रियंका इससे पहले किसी चुनाव में नहीं उतरी थी. लेकिन वो पार्टी के प्रचार के दौरान अक्सर अपने भाई के साथ नजर आती रहती थी. इस बार अपनी बहन प्रियंका के लिए राहुल गांधी मैदान में उतरे. उन्होंने लोकसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान वायनाड की जनता से अपनी बहन के लिए वोट मांगे. जिसका नतीजा ये रहा कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को भी पीछे छोड़ दिया. लोकसभा चुनाव में जीतने वोट राहुल गांधी को मिले थे उससे भी ज्यादा प्रियंका गांधी को उपचुनाव के दौरान मिला. इसी के साथ प्रियंका ने राजनीति में अपनी शानदार एंट्री कर ली.
प्रियंका गांधी शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार संसद पहुंची. उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला. इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. संसद में पहली बार भाषण देने पहुंची प्रियंका गांधी को देख ऐसा लग रहा था मानों वो सालों से संसद के चर्चा में शामिल होते रही हों. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर अडानी और मणिपुर जैसे मुद्दों पर बुलंद आवाज उठाया. इस दौरान पीछे बैठे इंडिया गठबंधन के नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट से संसद गूंज उठा. भले ही कांग्रेस पार्टी ये लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई हो लेकिन ये साल उनके लिए एक उम्मीद बनकर आया है. पिछले दस सालों से कांग्रेस पार्टी एक शानदार जीत के इंतजार में थी, इस साल पार्टी की ओर से राहुल गांधी ने डबल जीत के साथ कम बैक किया है. वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता को नेता प्रतिपक्ष भी बनाया गया है.