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India Daily

केंद्र के आदेश को कोर्ट में चुनौती देगा भारतीय कुश्ती महासंघ, कार्यकारी समिति ने बुलाई बैठक

खेल मंत्रालय ने चुनाव के केवल तीन दिन बाद 24 दिसंबर को जारी किए गए निलंबन आदेश में राष्ट्रीय खेल संहिता और डब्ल्यूएफआई संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.

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Edited By: Naresh Chaudhary
Wrestling Federation of India, WFI, Sports Ministry, Sanjay Singh WFI

हाइलाइट्स

  • संजय सिंह बोले- अच्छी तरह से काम करने वाले महासंघ की जरूरत
  • आरोप लगाया कि ट्रायल के माध्यम से पहलवानों को नहीं मिला मौका

Wrestling Federation of India Challenge Sports Ministry Order in Court: खेल मंत्रालय की ओर से लगाए गए निलंबन के खिलाफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने सरकार के फैसले को अगले सप्ताह कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. फेडरेशन द्वारा अपने चुनाव आयोजित करने के केवल तीन दिन बाद 24 दिसंबर को जारी किए गए निलंबन आदेश में राष्ट्रीय खेल संहिता और डब्ल्यूएफआई संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. 

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने दृढ़ता से फेडरेशन की ओर से निलंबन को अस्वीकार करने और दैनिक कार्यों की देखरेख के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा गठित तदर्थ पैनल को मान्यता देने से इनकार करने की बात कही है.

संजय सिंह बोले- अच्छी तरह से काम करने वाले महासंघ की जरूरत

उन्होंने तदर्थ पैनल के हालिया फैसलों का हवाला देते हुए एक अच्छी तरह से काम करने वाले महासंघ की महत्वपूर्ण आवश्यकता को बताया है. संजय सिंह ने कामकाजी निकाय नहीं होने के नतीजों पर जोर देते हुए न्यूज एजेंसी को बताया कि आपने देखा है, कैसे जाग्रेब ओपन के लिए टीम की घोषणा की गई थी. पांच भार वर्ग बिना प्रतिनिधित्व के रहे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक उचित महासंघ की अनुपस्थिति थी. 

संजय सिंह ने तदर्थ पैनल के निर्णय लेने की प्रक्रिया की आलोचना की. इस दौरान उन्होंने कहा कि खासकर भारतीय टीम के चयन में और कुछ पहलवानों के लिए ट्रायल की कमी की ओर इशारा किया. उन्होंने सवाल किया कि यदि कुछ पहलवान अपनी-अपनी श्रेणियों में अनुपलब्ध थे, तो उनके प्रतिस्थापन की मांग क्यों नहीं की गई?

आरोप लगाया कि ट्रायल के माध्यम से पहलवानों को नहीं मिला मौका

लोकतांत्रिक और पारदर्शी चयन प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संजय सिंह ने उन पहलवानों की चिंताओं से अवगत कराया, जिन्होंने महसूस किया कि वे निष्पक्ष नतीजों से खुद को साबित करने का मौका पाने के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसे पहलवानों के फोन आ रहे हैं, जिन्होंने सोचा था कि वे भारतीय टीम में जगह पाने के लायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ट्रायल के माध्यम से खुद को साबित करने का उचित मौका दिया जाता तो वे टीम में जगह बना सकते थे.

संजय सिंह ने कानूनी तरीकों से निलंबन का मुकाबला करने के डब्ल्यूएफआई के इरादे के बारे में बताया. कहा कि हमें ठीक से काम करने वाले महासंघ की जरूरत है. हम इस मामले को अगले सप्ताह कोर्ट में ले जा रहे हैं. यह निलंबन हमें स्वीकार्य नहीं है क्योंकि हम लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं.