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हाथों में कैमरा, सामने जंगल का राजा और लॉयन सफारी..., World Wildlife Day पर गिर नेशनल पार्क में अलग अंदाज में दिखें PM मोदी

गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में प्रधानमंत्री कुछ मंत्रियों और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शेर सफारी पर गए.

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Edited By: Anvi Shukla
world wildlife day
Courtesy: social media

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे पर पीएम मोदी गिर जंगल में: वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में शेर सफारी पर गए. वे अपने गृह राज्य की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. इससे पहले, रविवार को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर सासन में वन विभाग के गेस्ट हाउस "सिंह सदन" में रात बिताई. सोमवार सुबह वे कुछ मंत्रियों और वन अधिकारियों के साथ शेर सफारी के लिए निकले.

वन्यजीव संरक्षण पर पीएम मोदी का संदेश:

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दुनियाभर के वन्यजीवों और प्रकृति के संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि हर प्रजाति का अपना महत्व है और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे बचाकर रखना चाहिए. वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे 3 मार्च को मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2013 में घोषित किया था. इसी दिन पीएम मोदी गिर के सासन में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे. इस बैठक में सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के अधिकारी और वन्यजीव संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके बाद वे महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत करेंगे.

प्रोजेक्ट लॉयन के लिए 2,900 करोड़ रुपये:

केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए 2,900 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. ये शेर केवल गुजरात में पाए जाते हैं और 9 जिलों के 53 तालुकों में करीब 30,000 वर्ग किमी तक फैले हुए हैं. इस परियोजना के तहत जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर जमीन पर एक राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र बनाया जा रहा है. साथ ही, गिर में वन्यजीवों की निगरानी के लिए हाई-टेक सेंटर और सासन में एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है.

वन्यजीव बचाव केंद्र "वंतारा" का दौरा:

रविवार को पीएम मोदी ने जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी परिसर के वंतारा केंद्र का दौरा किया. यह केंद्र उन जानवरों के बचाव, संरक्षण और पुनर्वास के लिए बनाया गया है, जिन्हें शोषण और दुर्व्यवहार से बचाया गया है. यहां उन्हें अच्छा माहौल, देखभाल और चिकित्सा सुविधाएं दी जाती हैं, ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकें.