menu-icon
India Daily

World Book Fair 2025: विश्व पुस्तक मेला में टूटे सारे रिकॉर्ड, इस साल 20 लाख से अधिक लोग हुए शामिल

भारत में साहित्य और पुस्तकों के प्रति प्रेम को एक नया आयाम देते हुए, नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया.

auth-image
Edited By: Garima Singh
World Book Fair 2025
Courtesy: x

भारत में साहित्य और पुस्तकों के प्रति प्रेम को एक नया आयाम देते हुए, नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया. आयोजकों के अनुसार, इस नौ दिवसीय भव्य मेले में 20 लाख से अधिक पुस्तक प्रेमियों ने भाग लिया, जो पढ़ने की बढ़ती संस्कृति को दर्शाता है.

इस प्रतिष्ठित वार्षिक आयोजन में पेंगुइन रैंडम हाउस, हार्पर कॉलिंस, ब्लूम्सबरी, राजकमल प्रकाशन और वाणी प्रकाशन सहित 2,000 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों ने हिस्सा लिया। मेले की थीम "रिपब्लिक ऐट 75" थी, जिसने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया.

रिकॉर्ड संख्या में लोगों की भागीदारी

नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा,
"इस वर्ष पुस्तक मेले में लोगों की संख्या अभूतपूर्व रही. हालांकि आधिकारिक आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि हमने 25 लाख की उपस्थिति का आंकड़ा पार कर लिया है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लगभग 20 प्रतिशत अधिक लोग आए हैं."

उन्होंने आगे कहा कि यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि भारत में पढ़ने की आदतें कमजोर नहीं हुई हैं, बल्कि तेजी से बढ़ रही हैं. प्रकाशन बाजार भी 18 प्रतिशत की दर से विस्तार कर रहा है.

विविध पुस्तकों की बढ़ती मांग

इस वर्ष के मेले में गल्प (फिक्शन) और गैर-गल्प (नॉन-फिक्शन) दोनों श्रेणियों की पुस्तकों की भारी मांग देखी गई. साइंस-फिक्शन, बाल साहित्य और क्लासिक रचनाओं को भी पाठकों का खासा समर्थन मिला.

पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया (PRHI) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज सत्ती ने कहा,
"इस बार हमारी गल्प पुस्तकों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है. साथ ही, भारतीय लेखकों की पुस्तकों की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. पाठक हर प्रकार की किताबें खरीद रहे हैं."

ब्लूम्सबरी इंडिया की विपणन एवं प्रचार प्रमुख मीनाक्षी सिंह ने कहा कि इस वर्ष सभी शैलियों की किताबों की बिक्री में वृद्धि हुई है और कोई एक विशेष शैली को सबसे लोकप्रिय नहीं कहा जा सकता.

अंतरराष्ट्रीय भागीदारी भी रही आकर्षण का केंद्र

पिछले वर्षों की तरह, इस बार भी अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। 50 देशों के लेखक, वक्ता और प्रकाशक मेले का हिस्सा बने. इस वर्ष रूस को 'फोकस' राष्ट्र के रूप में चुना गया था. "रूस से पुस्तकें" पहल के तहत, 1,000 से अधिक पुस्तकों का एक विशाल संग्रह प्रदर्शित किया गया, जिसने पाठकों को रूसी साहित्य और संस्कृति से परिचित कराया.

नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन साबित हुआ, जिसने भारत में साहित्य और पढ़ने की बढ़ती संस्कृति को उजागर किया. यह न केवल लेखकों और प्रकाशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना, बल्कि यह साबित किया कि भारत में पुस्तकों के प्रति प्रेम लगातार बढ़ रहा है.