World AIDS Day: एड्स लाइलाज बीमारी है, बचाव ही इसका उपचार है... जानें क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस
World AIDS Day: एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नही है. इस वायरस के चपेट में आने से शरीर की इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाता है. हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है.
World AIDS Day: एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नही है. इस वायरस के चपेट में आने से शरीर की इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाता है. हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य HIV संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूकता फैलाना है. साल 1988 में WHO ने पहली बार वर्ल्ड एड्स डे की शुरुआत की थी. इस दिन का मकसद लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ इस बीमारी से प्रभावित लोगों को सपोर्ट करना भी है.
क्या है लक्षण
एचआईवी से संक्रमित होने पर 2 से 4 हफ्ते में इंसान फ्लू जैसी बीमारी से ग्रसित होने लगता है. इसके साथ ही सिर में दर्द, बुखार, मांसपेशियों-जोड़ों में दर्द, गले में खराश और मुंह में घाव होना, वजन घटना भी इस बीमारी का लक्षण माना जाता है.
कैसे करें बचाव
- हर किसी के साथ फिजिकल रिलेशन न रखें.
- इस्तेमाल की गई इंजेक्शन का प्रयोग न करें.
- खून की जरूरत होने पर अनजान व्यक्ति से खून न लें.
- एड्स लाइलाज बीमारी है, बचाव ही इसका उपचार है.
एड्स एक लाइलाज बीमारी है बचाव ही इसका उपचार है. एड्स से संक्रमित लोगों से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए. इस बीमारी के खुद को बचाना चाहिए और दूसरों को भी बचाव के लिए प्रेरित करना चाहिए.