नई दिल्ली: लद्दाख मे भारत को लगातार आंख दिखा रहे चीन को काबू में करने के लिए सरकार ने नए प्लान तैयार किया है. सरकार के इस कदम से चीन को मिर्ची लगनी तय है. मोदी सरकार ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब लद्दाख में नुब्रा क्षेत्र में थोइस एयरबेस पर एक नए टर्मिनल का निर्माण काम शुरू कर दिया है. भारत पिछले तीन सालों से अधिक समय से इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की स्थिति में है.
थोइस एक सैन्य एयरबेस है, जिसका रनवे विशेष रूप से सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किया जाता है. उड़ान योजना के तहत लेह से कुछ नागरिक उड़ानें चलाई गई है. ऐसे में केंद्र सरकार जल्द ही थोइस के लिए और अधिक यात्री उड़ानों की योजना बना रही है. यह लद्दाख में दूसरा नागरिक हवाई अड्डा होगा. देश की सीमाओं विशेषकर एलएसी के पास देश के सुदूर कोनों तक भी नागरिकों के लिए हवाई कनेक्टिविटी की सुविधा होगी.
पूरे प्रोजेक्ट की लागत 130 करोड़ की लागत
अनुमान के मुताबिक इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 130 करोड़ रुपये बताई जा रही है. थोइस में 5,300 वर्गमीटर क्षेत्र के साथ एक केंद्रीय वातानुकूलित घरेलू यात्री टर्मिनल भवन बनने की उम्मीद है. टर्मिनल भवन का निर्माण स्थानीय वास्तुकला, संस्कृति, कला और विरासत को देखते हुए तैयार किया जाएगा.
सरकार ने 28 कनाल भूमि को मंजूरी दी थी जिस पर नागरिक उड़ानों के लिए टर्मिनल और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए थोइस में एक नागरिक हवाई अड्डे के लिए स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग रहे है.
नए टर्मिनल भवन में सिविल एन्क्लेव में प्रस्थान और आगमन क्षेत्र, सुरक्षा होल्ड क्षेत्र और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी. लंबे वक्त से लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल थोइस में एक नागरिक हवाई अड्डे की मांग कर रहे थे और एयरलाइन प्रमुखों से मिलकर उड़ानें शुरू करने का अनुरोध कर रहे थे.