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लोकसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, मिला नया नाम- 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम'

नए संसद का आज पहला दिन है. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश हो गया है. कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 128वां संशोधन विधेयक पेश किया है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
लोकसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, मिला नया नाम- 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम'

नई दिल्ली: नए संसद का आज पहला दिन है. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश हो गया है. कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने 128वां संशोधन विधेयक पेश किया है. इस बिल को नया नाम दिया गया है नारी शक्ति वंदन अधिनियम. महिला आरक्षण बिल के तहत विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

नारी शक्ति वंदन अधिनियम मिला नया नाम
 

पीएम मोदी ने नए भवन में अपने पहले संबोधन में कहा कि आज महिला आरक्षण बिल लाएगी हमारी सरकार. इसका नाम होगा नारी शक्ति वंदन अधिनियम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया. लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उसके कारण वह सपना आधूरा रह गया. महिला को अधिकार देने का उनकी शक्ति को आकार देने का काम करने के लिए भगवान ने मुझे चुना है. पीएम मोदी ने महिला आरक्षण को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया है.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी का साक्षी सेंगोल इतिहास को जोड़ता है. सेंगोल आजादी की किरण का साक्षी बना. जो कभी पंडित नेहरू के हाथों में शोभा दे रहा था, आज हमारे सामने है. उन्होंने कहा कि नई संसद आधुनिकत भारत की भव्यता की प्रतीक है. पुरानी बातों को भूलना होगा. भवन बदला है, भाव भी बदलें. संसद दलहित के लिए नहीं देशहित के लिए है. मोदी ने कहा कि  हमारा भाव जैसा होता है, वैसे ही कुछ घटित होता है.

भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा- मुझे विश्वास है कि भावना भीतर जो होगी, हम भी वैसे ही भीतर बनते जाएंगे. भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावनाएं भी बदलनी चाहिए. संसद राष्ट्रसेवा का स्थान है. यह दलहित के लिए नहीं है. हमारे संविधान निर्माताओं ने इतनी पवित्र संस्था का निर्माण दलहित के लिए नहीं, देशहित के लिए किया है. नए भवन में हम सभी अपनी वाणी, विचार, आचार से संविधान की आत्मा के अनुसार काम करें. हमारा पूरा प्रयास रहेगा और मैं चाहूंगा कि सदन के नेता के नाते हम सभी सांसद आपकी आशा-अपेक्षा पर खरे उतरें और अनुशासन का पालन करें.'