Women Reservation Bill Passed: संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया है. इस बिल के खिलाफ लोकसभा में सिर्फ दो सांसदों ने वोट किया था लेकिन राज्यसभा में इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. आपको बता दें, मोदी सरकार द्वारा लाया गया यह पहला बिल है जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया है.
दोनों सदनों से इस बिल के पारित होने के बाद इसे अब मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा. जिसके बाद देश की संसद और हर राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएगी. इस 33 फीसदी में से एक तिहाई सीट अनुसूचित और जनजाति समाज की महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी.
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दोनों सदनों से इस बिल को पारित कर दिया गया है और इसके बाद उम्मीद है की राष्ट्रपति से इस बिल को मंजूरी भी मिल जाएगी लेकिन इसके बाद भी महिलाओं को चुनावों में अधिकार मिलने का रास्ता अभी लंबा है. आपको बता दें, इस बिल में महिलाओं के लिए 15 साल तक आरक्षण लागू करने का प्रावधान है जो कि नए परिसीमन के आधार पर होगा.
परिसीमन से पहले जनगणना करानी होगी और फिलहाल 2021 की जनगणना लंबित है और अगली जनगणना 2031 में होनी है. हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि 2024 के बाद जनगणना और परिसीमन दोनों कराया जाएगा. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि जनगणना और परिसीमन में दो से तीन साल का समय लगेगा इसलिए कहा जा रहा है कि 2029 से पहले महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
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