Nagpur Violence: नागपुर हिंसा में महिला पुलिसकर्मियों से बदसलूकी, 650 उपद्रवियों के खिलाफ FIR दर्ज

Nagpur Violence: नागपुर में हुई एक हिंसक घटना में एक आरोपी ने झड़प के दौरान महिला पुलिस अधिकारी के साथ अनुचित व्यवहार किया. औरंगजेब की कब्र के हटाए जाने से उपद्रव भड़का, जिससे तोड़फोड़ और कई लोग घायल हुए.

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Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में खुलासा हुआ है कि हिंसा में शामिल एक आरोपी ने महिला पुलिस अधिकारी की वर्दी खींची, उसके शरीर को छुआ और अश्लील इशारे किए.

क्यों भड़की नागपुर में हिंसा?

बता दें कि यह घटना औरंगजेब की कब्र को खुल्ताबाद से हटाने की मांग के बाद हुई सांप्रदायिक झड़पों के दौरान हुई. इस अफवाह के बाद कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में एक पवित्र पुस्तक जलाई गई, शहर के कई इलाकों में तनाव फैल गया. इसके बाद 1,000 से अधिक लोगों ने बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए और कई वाहन व घर क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं हंसपुरी इलाके में हुए हमले को लेकर एक स्थानीय निवासी ने बताया, ''एक नकाबपोश भीड़ आई, उनके हाथों में धारदार हथियार थे. उन्होंने दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.''

पुलिस ने 650 से अधिक लोगों पर दर्ज किया मामला

बताते चले कि गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में 650 से अधिक दंगाइयों को नामजद किया गया है. पुलिस के अनुसार, अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी के 51 कार्यकर्ताओं को भी इस हिंसा में शामिल होने का आरोपी बनाया गया है. वहीं घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चेतावनीमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य में औरंगजेब का महिमामंडन करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने विधानसभा में कहा, ''यह पूर्व नियोजित हमला था, जिसमें चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. पुलिस ने पत्थरों की ट्रॉली और हथियार भी बरामद किए हैं.''

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के संघर्ष पर बनी फिल्म 'छावा' का भी जिक्र किया और कहा कि इसने लोगों की भावनाओं को भड़काया है. उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और धार्मिक स्थलों का सम्मान करने की अपील की.