मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया. लगभग 18 महीने पहले मृत घोषित की गई दो बच्चों की मां अचानक अपने घर लौट आई, जबकि उसके कथित हत्यारे जेल में सजा काट रहे हैं. इस घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पुलिस को भी असमंजस में डाल दिया है. अब सवाल उठ रहा है कि अगर यह महिला जिंदा है, तो 18 महीने पहले परिवार ने जिस शव का अंतिम संस्कार किया, वह किसका था?
क्या है पूरा मामला
पुलिस ने शव की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और क्राइम ट्रैकिंग सिस्टम (CCTNS) पर अपलोड की. इसके बाद गांधी सागर से परिवार वालों का फोन आया. कुछ परिजन थांदला पहुंचे और शव पर एक टैटू और टखने पर बंधे धागे के आधार पर उसे अपनी बेटी के रूप में पहचान लिया. परिवार ने यह भी बताया कि उनकी बेटी शाहरुख नाम के व्यक्ति के साथ भाग गई थी. इस बयान के आधार पर पुलिस ने शाहरुख और उसके साथियों को हिरासत में लिया, कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
चार लोग जेल में, लेकिन महिला जिंदा
थांदला पुलिस ने शाहरुख, इमरान, सोनू और एजाज नाम के चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. ये सभी भानपुरा के रहने वाले थे, जो गांधी सागर से 30 किलोमीटर दूर है. मालवीय ने कहा, "हमारे पास पर्याप्त सबूत थे कि इन लोगों ने अपराध किया था. चार्जशीट दाखिल की गई और मामला अब कोर्ट में है." लेकिन कुछ दिन पहले जब यह महिला अपने घर लौटी, तो परिवार के साथ-साथ पुलिस भी हैरान रह गई. उसके दो बच्चे, जो अपनी मां को मृत मान चुके थे, उसे देखकर खुशी से भर उठे.
परिवार ने तुरंत महिला को गांधी सागर पुलिस स्टेशन ले जाकर उसकी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज पेश किए. स्टेशन प्रभारी तरुणा भारद्वाज ने पुष्टि की कि यह महिला कुछ दिन पहले उनके पास आई और खुद को जिंदा बताया. पुलिस ने गांव वालों और परिवार से उसकी पहचान की पुष्टि की. महिला के पिता ने कहा, "हमारी बेटी लापता हो गई थी. पुलिस ने हमें एक शव दिखाया, जिसे हमने अपनी बेटी समझ लिया. हमें कभी नहीं लगा कि वह जिंदा होगी और वापस आएगी."
क्या बोली जिंदा वापस लौटी महिला
महिला ने पुलिस को बताया कि वह अपनी मर्जी से शाहरुख के साथ भानपुरा गई थी लेकिन दो दिन बाद ही शाहरुख ने उसे 5 लाख रुपये में कोटा के एक अन्य शाहरुख को बेच दिया. पिछले 18 महीनों तक वह कोटा में रही और हमेशा भागने का मौका तलाशती रही. कुछ दिन पहले उसे मौका मिला और वह स्थानीय लोगों की मदद से अपने गांव पहुंची. उसने कहा, "मेरे पास फोन नहीं था और मुझे कहीं आने-जाने की इजाजत नहीं थी, इसलिए मैं परिवार से संपर्क नहीं कर पाई."
ये हैं मध्य प्रदेश के मंदसौर की ललिता बाई
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) March 21, 2025
• 18 माह पहले इनके घरवालों को पता चला कि उसकी मौत हो गई
• परिवार ने शव पहचाना और अंतिम संस्कार कर दिया
• इस केस में हत्या के आरोप में 4 लोग जेल में हैं
लेकिन चौंकाने वाली बात है कि अब ललिता घर वापस आ गई है.
ललिता बाई ने बताया कि👇… pic.twitter.com/qs95TYX6Qr
आगे की जांच
गांधी सागर पुलिस ने इस घटनाक्रम की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों और थांदला पुलिस को दी. भारद्वाज ने कहा, "इस मामले की दोबारा जांच या आगे की कार्रवाई थांदला पुलिस करेगी." झाबुआ के एसपी पद्मविलोचन शुक्ल ने बताया कि वे कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि परिवार ने जिस शव का अंतिम संस्कार किया, वह किसका था? मालवीय ने कहा कि यह जांच का हिस्सा है.