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India Daily

Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र से शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने जो कहा, संसद में दिखाई दिखा वो नजारा

संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार को पहला दिन था. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लीडर ऑफ अपोजिशन (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस हुई. जिसके बाद सदन को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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Edited By: Khushboo Chaudhary
PM Modi
Courtesy: Twitter

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, सोमवार यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला. प्रधानमंत्री मोदी ने उन लोगों की निंदा की जो संसद में कामकाजी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं और लोकतंत्र की कमजोरियां उजागर करने के बजाय देश की प्रगति में बाधा डालते हैं. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग जिन्हें जनता ने नकार दिया है, वे लगातार मुट्ठी भर लोगों की गुंडागर्दी के जरिए संसद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. देश की जनता इन सब हरकतों को देखती है और समय आने पर उन्हें सजा भी देती है.'

इसके अलावा पीएम मोदी ने नए सांसदों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी जोर दिया और कहा कि उनमें से कई नए विचार और ऊजा लेकर सदन में आते है फिर भी कुछ सदस्यों की हरकत के कारण उन्हें बोलने का मौका नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि ये नए सांसद किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि सभी पार्टियों की है और ये सभी लोगों की सामूहिक इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं.

आज से शीतकालीन सत्र शुरू

उन्होंने आगे उन लोगों की भी आलोचना की जिनके अनुसार मतदाताओं ने बार-बार उन्हे नकार दिया है और जो सांसद में चर्चा को बाधित करना जारी रखता है. पीएम मोदी ने आगे वे न तो लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं और न ही लोगों की आकांक्षाओं के महत्व को समझते हैं. उनकी जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है, वे उनकी चिंताओं को समझने में विफल रहते हैं और परिणामस्वरूप वे कभी भी लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाते हैं.

'उम्मीद है कि माहौल भी ठंडा रहेगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, यह शीतकालीन सत्र है, उम्मीद है कि माहौल भी ठंडा रहेगा. 2024 का आखिरी सत्र है और देश 2025 का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.यह सत्र कई मायनों में खास है. हालांकि सत्र शुरू होने के बाद पीएम मोदी के इन शब्दों का सदन के अंदर विपक्ष के नेताओं पर कोई ज्यादा असर होता हुआ नहीं दिखा और जैसे ही सत्र शुरू हुआ राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लीडर ऑफ अपोजिशन (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस शुरू हो गई. दरअसल धनखड़ ने खड़गे से कहा कि, हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं. उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे.

सदन 27 नवंबर तक के लिए स्थगित

इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि, इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है. तो आप मुझे मत सिखाइए. इस पर धनखड़ ने कहा कि, मैं आपको इतना सम्मान देता हूं और आप ऐसा बोल रहे हैं. मुझे दुख पहुंचा है. इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई. उधर लोकसभा की कार्यवाही भी पूरी नहीं हो सकी. विपक्ष के नेता अडाणी मुद्दे पर हंगामा करते रहे. सदन को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया.