PM Modi Vehicles: पीएम मोदी के काफिले की गाड़ियां बदली जा सकती हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी तीन डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को आगे बढ़ाने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2018 के आदेश का हवाला देते हुए एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की मुख्य पीठ ने जिसने एसपीजी के आवेदन को खारिज कर दिया.
पीएम के सुरक्षा में लगे एसपीजी ने एनजीटी के पास अर्जी भेजी थी और कहा था तीनों गाड़ियां सुरक्षा के लिहाज से जरुरी है इसलिए इसका रजिस्ट्रेशन आगे बढ़ाया जाना चाहिए. हालांकि, एनजीटी ने एसपीजी की अर्जी को सिरे से खारिज कर दिया.
अर्जी पर फैसला सुनाते हुए एनजीटी की बेंच ने कहा कि हम जानते हैं कि ये गाड़ियां पीएम के सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरुरी है. लेकिन सुप्रीम का आदेश है हम उसी के आधार पर इसकी मंजूरी नहीं दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आपने आदेश में दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल गाड़ियों को सड़कों पर चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
22 मार्च के अपने आदेश में एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर ए सेंथिल वेल की मुख्य बेंच ने एसपीजी की अर्जी को खारिज कर दिया. इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया. उसमें कहा गया था कि दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है.
एनजीटी के पीठ ने कहा कि हम जानते ये गाड़ियां कम चली हैं और प्रधान मंत्री की सुरक्षा के उद्देश्य के लिए इनकी आवश्यकता है, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के कारण हम इसकी मंजूरी नहीं दे सकते हैं. 2013 में निर्मित और दिसंबर 2014 में पंजीकृत, ऑर्डर के अनुसार, तीन रेनॉल्ट एमडी -5 विशेष बख्तरबंद वाहन पिछले 9 वर्षों से पीएम के काफिले का हिस्सा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से दिसंबर 2024 में 10 साल पूरे होने पर अनरजिस्टर्ड कर दिया जाएगा.