कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर के मुद्दे को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. खरगे ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर जाकर वहां के लोगों से माफी मांगने का साहस करेंगे. उनका यह बयान मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और उसके बाद केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया पर आधारित था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया क्योंकि कोई भी विधायक भारतीय जनता पार्टी की "अक्षमता" का बोझ स्वीकार करने को तैयार नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मणिपुर का दौरा करने और वहां के लोगों से माफी मांगने का साहस दिखा पाएं.
मणिपुर में महीनों से जारी जातीय हिंसा के कारण राज्य के नागरिकों की स्थिति गंभीर हो गई है. राज्य में हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा है. खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हो रही मानवाधिकारों की उल्लंघन की घटनाओं पर चुप्पी साधी है और वहां के लोगों के दर्द को नजरअंदाज किया है.
खरगे ने कहा, "क्या अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर जाकर वहां के लोगों से माफी मांगेंगे, जिनका जीवन दयनीय हो गया है? क्या वे राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कदम उठाएंगे?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से मणिपुर के लोगों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं दी जा रही है और राज्य में उत्पन्न हुई स्थिति के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.
खरगे का ‘एक्स’ पोस्ट:
.@narendramodi ji
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 14, 2025
It is your party which has been ruling at the Centre for 11 years.
It is your party which was ruling Manipur for 8 years.
It is the BJP which was responsible for maintaining Law & Order in the state.
It is your government which is responsible for…
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि अगर देश का प्रधानमंत्री अपने ही राज्य के नागरिकों के दुख-दर्द पर खामोश रहेगा, तो यह जनता के प्रति उसकी जिम्मेदारी को नकारना होगा. मणिपुर हिंसा के बीच प्रधानमंत्री की चुप्पी ने राजनीतिक रूप से बवाल मचा दिया है और विपक्ष इस पर लगातार सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है.
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया को लेकर विवाद को और तूल दे दिया है. विपक्षी दल अब इस मुद्दे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. अब यह देखना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और मणिपुर के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं.