Delhi MCD Election: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नगर निगम अधिनियम, 1957 के प्रावधानों के तहत 2025-26 कार्यकाल के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) में 14 विधायकों को नामित किया है. इन विधायकों की भूमिका नगर निगम के नागरिक प्रशासन, बजट योजना और बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूत करने में होगी.
बता दें कि इस नामांकन का असर अप्रैल में होने वाले महापौर और उप महापौर के चुनावों पर भी पड़ेगा, क्योंकि नामित विधायकों को मतदान करने का अधिकार मिलेगा. यह भाजपा के लिए नगर निगम पर नियंत्रण मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. स्पीकर द्वारा नामित किए गए 14 विधायकों में से तीन आम आदमी पार्टी (AAP) से हैं, जबकि शेष 11 भाजपा के विधायक हैं.
ये है लिस्ट
भाजपा के लिए एमसीडी में मजबूत स्थिति बनाने का मौका
बताते चले कि बीते महापौर चुनाव (नवंबर 2024) में AAP ने भाजपा को महज तीन वोटों से हराया था. हालांकि, अब राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं. भाजपा ने दिल्ली विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है और एमसीडी में भी अपना प्रभाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है. भाजपा नेताओं का मानना है कि अगर पार्टी दिल्ली एमसीडी को नियंत्रित करती है, तो उसे दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल में काम करने का मौका मिलेगा. इससे नागरिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है.
स्पीकर ने ब्यूरोक्रेसी में बातचीत सही से न होने का भी मुद्दा उठाया
इसके अलावा, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक अलग पत्र में मुख्य सचिव को सरकारी अधिकारियों की निष्क्रियता पर चेतावनी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ नौकरशाह, विभागाध्यक्ष, दिल्ली पुलिस और डीडीए के अधिकारी निर्वाचित विधायकों के पत्रों और कॉल्स का जवाब नहीं दे रहे हैं. उन्होंने इस स्थिति को 'गंभीर समस्या' बताते हुए सरकारी अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के साथ उत्तरदायी संवाद बनाए रखने और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया.
राजनीतिक हलचल तेज, आने वाले चुनावों पर असर
बहरहाल, इस नामांकन से एमसीडी चुनावों में भाजपा की स्थिति मजबूत हो सकती है. वहीं, आम आदमी पार्टी इस कदम को लोकतांत्रिक संतुलन को प्रभावित करने वाला मान सकती है. वहीं राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आने वाले महीनों में दिल्ली की नागरिक राजनीति और अधिक दिलचस्प हो सकती है.