नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 18 सिंतबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र को लेकर सरकार के स्तर पर तैयारियां शुरू हो गयी है. विशेष सत्र को लेकर सरकार का क्या एजेंडा रहने वाला है. अभी तक यह साफ नहीं हुआ है लेकिन विपक्ष विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर सरकार के मंशा पर लगातार सवाल उठा रही है. चर्चाओं की मानें तो इस विशेष सत्र में सरकार कोई बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए अपने एजेंडे से जुड़ा कोई बिल पेश कर सकती है. विशेष सत्र को लेकर तमाम कयासों और चर्चाओं के बीच महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने चौंकाने वाला बयान दिया है.
'मुंबई को घोषित किया जाएगा केंद्र शासित प्रदेश?'
नाना पटोले ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि "पीएम नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी या नोटबंदी या मणिपुर जैसे मुद्दों पर कभी भी विशेष सत्र नहीं बुलाया. अब सत्र सरकार की मर्जी और मूड के मुताबिक बुलाया गया है. इस सत्र में मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाएगा और इसे महाराष्ट्र के शेष हिस्सों से अलग कर दिया जाएगा"
"शेयर बाजारों को गुजरात भेजने की योजना"
नान पटोले ने आरोप लगाते हुए कहा कि "मुंबई अंतरराष्ट्रीय शहर और आर्थिक राजधानी है. मुंबई की अहम इकाइयों जैसे एयर इंडिया, इंटरनेशनल सर्विसेज सेंटर और हीरा बाजार समेत अन्य को दूसरे शहरों में स्थानांतरित किया जा रहा है. दोनों प्रमुख शेयर बाजारों बीएसई और एनएसई को गुजरात स्थानांतरित किए जाने की योजना है"
सत्र में पांच बैठकें होंगी
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, संसद के दोनों सदनों का सत्र 18 से 22 सितंबर तक प्रश्नकाल के बिना किया जाएगा. इस सत्र में पांच बैठकें होंगी और सदस्यों को वैकल्पिक कैलेंडर के बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी. इसके पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 31 अगस्त को अपनी पोस्ट में लिखा कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है. इसमें पांच बैठक होगी.
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