ST Hasan on Muslim Reservation: देश में आम चुनाव हो रहे हैं और सियासी गलियारों में मुस्लिम आरक्षण बड़ा मुद्दा बन चुका है. जहां बीजेपी आरोप लगा रही है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के अधिकार को चुपके से मुस्लिमों को बांट रही हैं तो वहीं पर ये भी दावा कर रही है कि जीत के बाद इंडिया ब्लॉक मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की तैयारी कर रही है.
इस बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने इसी मुद्दे पर ऐसा बयान दिया है जो बीजेपी के इन दावों के सच होने की बात की ओर इशारा कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने कहा कि संविधान के तहत मुसलमान भी आरक्षण के हकदार हैं.
एसटी हसन ने दावा किया कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार चुनी गई तो मुसलमानों को भी आरक्षण देगी. हसन ने तर्क दिया कि यदि संविधान हिंदू धोबियों के लिए आरक्षण प्रदान कर सकता है, तो उसे मुस्लिम धोबियों को भी आरक्षण देना चाहिए.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, एसपी नेता एसटी हसन ने कहा, “अगर भारतीय संविधान हिंदू आबादी को आरक्षण देता है, तो मुस्लिम आबादी को क्यों नहीं? मुझे उम्मीद है कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो वे संविधान में संशोधन करेंगे और मुसलमानों को भी आरक्षण का अधिकार देंगे. वे मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं, केवल 20 फीसदी हिंदू आबादी उनका समर्थन करती है, जबकि बाकी 80 फीसदी हिंदू मुसलमानों के साथ हैं. क्या वे देश के नागरिक नहीं हैं? क्या उन्हें बुरा नहीं लगता?'
भाजपा की ओर से आजमगढ़ को एक आतंकवादी केंद्र बताने को लेकर हसन ने कहा कि वो यहां के लोगों की बेइज्जती कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने 2024 के चुनावों में मैदान में न उतरने के सवाल पर भी जवाब दिया.
उन्होंने कहा, 'वे आज़मगढ़ और उसके लोगों का अपमान कर रहे हैं. अगर इस शहर के किसी व्यक्ति पर दिल्ली में आतंकवाद का आरोप है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आरोप सच हैं. अखिलेश जी चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूं, लेकिन पार्टी की कुछ अंदरूनी राजनीति के कारण मुझे सीट नहीं दी गई. मैं पार्टी और अखिलेश का बहुत करीबी हूं और पिछला चुनाव लड़ने का मौका मिलने के लिए मैं आभारी हूं.'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों के लिए सभी सात चरणों में मतदान हो रहा है. पहले पांच चरणों का मतदान पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि शेष चरण 25 मई और 1 जून को निर्धारित हैं. सभी चरणों की मतगणना 4 जून को निर्धारित की गई है.
2019 के चुनावों में, भाजपा ने राज्य में बड़ी चुनावी हार का सफाया कर दिया, 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटें जीत लीं, जबकि सहयोगी अपना दल (एस) ने दो और सीटें जीतीं. मायावती की बसपा 10 सीटें हासिल करने में सफल रही, जबकि उनके तत्कालीन गठबंधन सहयोगी, अखिलेश यादव की सपा को सिर्फ 5 सीटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस ने राज्य में सिर्फ एक सीट जीती. 2014 के चुनावों में, बीजेपी ने यूपी में 71 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल 2 सीटें हासिल कर सकी.