दंगे का डर या इतिहास के 'कांड', रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में इतनी डरी क्यों हैं ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर दंगा भड़कने का इतिहास रहा है. धार्मिक रैलियां, वहां अक्सर टकराव की वजह बनती हैं. इस बार क्या है ऐसे टकराव से बचने की तैयारी, पढ़ें ये खबर.
पश्चिम बंगाल में शायद की कोई ऐसी रामनवमी बीती हो, जब किसी न किसी इलाके में दंगे न भड़के हों. आमतौर पर बीते कुछ वर्षों से वहां धार्मिक जुलूस दंगे की वजह बन जाते हैं. ममता बनर्जी इस पर इतिहास से सबक लेती नजर आ रही हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस, दंगों को रोकने के लिए पहले ही हाई अलर्ट पर है. पश्चिम बंगाल के संवेदनशील इलाकों में पुलिस हाई अलर्ट पर है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू जागरण मंच राज्य के सभी जिलों में वार्ड और पंचायत स्तर पर करीब 5,000 धार्मिक जुलूस निकालने की तैयारी में है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध संगठन ने बारासात, सिलीगुड़ी और कोलकाता के बड़ाबाजार में बड़े जुलूस की योजना तैयार की है. इसे देखकर पश्चिम बंगाल पुलिस हाई अलर्ट पर है.
हुगली, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, आसनसोल और बैरकपुर में जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है. ये ऐसे इलाके हैं, जहां रामनवमी उत्सव के दौरान बीते साल सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा है कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा.
हथियार लहराने पर रोक, पुलिस करेगी वीडियोग्राफी
पश्चिम बंगाल पुलिस जुलूस की मॉनिटरिंग करेगी. जुलूस के दौरान हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी. कुछ पारंपरिक समूहों और अखाड़ों को शस्त्र पूजन की इजाजत दी गई है लेकिन इसकी वीडियोग्राफी की जाएगी.
रामनवमी पर हर साल भड़कता है दंगा
रामनवमी और दशहरा के दौरान पश्चिम बंगाल में अक्सर दंगा भड़कता है. साल-दर-साल हालात एक से रहे हैं. यहां की रैलियां बड़े राजनीतिक टकराव की वजह बनती हैं, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे भड़कते हैं.
बीते साल कब सुलगा था बंगाल?
हावड़ा में बीते साल 30 मार्च को हिंसा भड़क गई थी. उत्तरी दिनाजपुर और हुगली में हिंसा भड़की थी. हमले में 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को विश्व हिंदू परिषद को कुछ शर्तों के साथ जुलूस निकलाने की इजाजत दी थी. हिंदू जागरण मंच ने कहा कि उम्मीद है कि बुधवार को रामनवमी के जुलूस में लाखों लोग शामिल होंगे.
विहिप के जुलूस में होगी लाखों की भीड़
विश्व हिंदू परिषद के जुलूस में लाखों लोग उमड़ सकते हैं. संगठन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाना सरकार का काम है, हम जुलूस निकालेंगे. हर धर्म के लोगों को जुलूस निकालने की इजाजत मिलनी चाहिए.
ममता सरकार का क्यों दागदार है इतिहास?
ममता बनर्जी के आलोचक कहते हैं कि ममता बनर्जी का दंगों को लेकर रवैया ऐसा है, जो विपक्ष को आरोप लगाने का दांव देता रहा है. मंगलवार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में रामनवमी उत्सव को रोकने की साजिश रचने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में दंगे भड़काने की योजना बना रही है.
रायगंज और बालुरघाट में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने हावड़ा में विहिप जुलूस की इजाजत देने पर हाई कोर्ट की तारीफ की और कहा कि यह सच्चाई की जीत है. उन्होंने कहा था, 'मुझे पता है कि टीएमसी ने हमेशा की तरह, राज्य में रामनवमी समारोह को रोकने के लिए हर तरह की कोशिश की और साजिश रची. लेकिन सत्य की जीत होती है. कोर्ट ने इजाजत दे दी है. कल पूरी आस्था और भक्ति के साथ जुलूस निकाले जाएंगे.'
क्या कह रही हैं ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में कहा, 'बीजेपी 17 अप्रैल को राज्य में दंगे कराने की कोशिश कर रही है, जिसका लक्ष्य 19 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में चुनावी लाभ उठाना है. हमारे पास जानकारी है कि वे राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भड़काने की योजना बना रहे हैं.'
ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं अपने समर्थकों और पश्चिम बंगाल के शांतिप्रिय लोगों से आग्रह करती हूं कि वे उनके जाल में न फंसें और झड़पों में शामिल न हों. वोटों के लिए दंगे भड़काने की BJP की योजना को विफल करने के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए.'