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'हम एक चेक कैश कराने आ रहे हैं...', लद्दाख से 'दिल्ली चलो पदयात्रा' क्यों निकाल रहे हैं सोनम वांगचुक?

Delhi Chalo Padyatra: कुछ महीने पहले भूख हड़ताल करने वाले लद्दाख के लोगों ने इस बार दिल्ली के लिए पैदल यात्रा शुरू कर दी है. मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक इस बार भी अगुवा के रूप में सामने आए हैं और उनका कहना है कि सरकार ने जो वादे किए थे वही याद दिलाने हैं इसलिए दिल्ली जाना पड़ रहा है.

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Edited By: India Daily Live
Delhi Chalo Pad Yatra
Courtesy: Sonam Wangchuk X Handle

मशहूर इनोवेटर और शिक्षक सोनम वांगचुक अक्सर लद्दाख के लिए आवाज उठाते हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने एक लंबी भूख हड़ताल भी की थी. हाल ही में लद्दाख में 5 नए जिले बनाने के फैसले का स्वागत भी किया था. अब वही सोनम वांगचुक लद्दाख के लोगों के साथ दिल्ली के लिए पैदल मार्च निकाल रहा है. इस 'दिल्ली चलो पदयात्रा' के लिए सोनम वांगचुक रवाना हो चुके हैं. उन्होंने बताया है कि यह यात्रा 2 अक्तूबर को दिल्ली के राजघाट पहुंचेगी. उनका कहना है कि सरकार को वे वादे याद दिलाए जाएगें जो लद्दाख से बार-बार किए गए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया. इस यात्रा का मुख्य मुद्दा यह भी है कि केंद्र की मोदी सरकार लद्दाख के लोगों से उनकी मांग को लेकर चर्चा शुरू करेगी.

एक वीडियो में सोनम वांगचुक ने बताया है, '1 सितंबर को हम चल चुके हैं और 2 अक्टूबर को हम राजघाट पहुंचेंगे. पिछले 5 साल से और खासकर पिछले एक साल से लद्दाख अपने वादों को याद दिलाना चाहता है. भारत सरकार की ओर से हमसे वादा किया गया था कि लद्दाख को छठीं अनुसूची के तहत संरक्षित किया जाएगा, जिसके तहत यहां के पर्यावरण और यहां की संस्कृति का संरक्षण होगा. हाल ही में चुनाव के कारण इस आंदोलन को स्थगित किया गया था. पिछले 24 अगस्त को लद्दाख की अपेक्स बॉडी ने घोषणा की थी कि दिल्ली चलो यात्रा शुरू होगी. उसी के दो दिन बाद अमित शाह जी ने घोषणा की कि लद्दाख में 5 नए जिले बनाए जाएंगे. इस पर हमें खुश होना है या नाराज होना है, यह इस पर निर्भर करेगा कि ये जिले किस तरह के होंगे.'

क्या चाहते हैं सोनम वांगचुक?

उन्होंने आगे कहा, 'अगर ये जिले स्वायत्त परिषद के साथ लोकतांत्रिक जिले हों, जिसमें लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधि भेज सकें तो फिर हम यह यात्रा सरकार को धन्यवाद देने के लिए कर रहे हैं लेकिन अगर ये जिले सिर्फ प्रशासन के लिए हैं और इसमें जनता की कोई सहभागिता नहीं होगी तो यही यात्रा एक नाराजगी का इजहार भी बन जाएगा. यही यात्रा हम अपनी नाखुशी और नाराजगी जताने के लिए भी कर रहे हैं. हम देश की जनता से भी अपील करेंगे कि वे सरकार को याद दिलाएं. सरकार ने 5 साल पहले जो वादा किया कि वह एक चेक की तरह है जिस पर लिखा है कि हम आपको 6वीं अनुसूची के तहत संरक्षित करेंगे. हम यही चेक लेकर दिल्ली आ रहे हैं ताकि कैश करा सकें.'

बता दें कि एक महीने में यह यात्रा लगभग एक हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यह लेह से शुरू होकर दिल्ली के राजघाट में खत्म होगी. सोनम वांगचुक ने बताया है कि उनके काफिले में लगभग 105 लोग हैं जिनमें बहुत सारे लोग भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिक हैं. कहा जा रहा है कि जैसे-जैसे यह यात्रा आगे बढ़ेगी इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या और भी बढ़ सकती है.

क्या है यात्रा का मकसद?

यह यात्रा लेह अपेक्स बॉडी के नेतृत्व में शुरू की गई है. इन लोगों की मांग है कि सरकार ने जो वादे किए थे वे पूरे किए जाएं. इन वादों में लद्दाख को 6वीं अनुसूची के तहत संरक्षित करना, भर्ती प्रकिया बनाना, पब्लिक सर्विस कमीशन बनाने और लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें बनाना शामिल है. यात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने ही ये वादे लद्दाख के लोगों से किए थे, ऐसे में उसे ही ये वादे दिलाए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, पिछली मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठीं अनुसूची के तहत संरक्षण दिए जाने से इनकार कर दिया था.