प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी सभाओं में राम मंदिर और अयोध्या पर ऐसा कुछ-न-कुछ कह देते हैं कि विपक्षी नेता आहत हो जाते हैं. अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्ट (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी को पीएम मोदी की एक बात इतनी नागवार गुजरी है कि उन्होंने चुनाव में आयोग में अर्जी लगा दी है.
सीताराम येचुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखा है और पीएम के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है. सीताराम येचुरी का कहना है कि नरेंद्र मोदी के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिए गए बयान चिंताजनक हैं और उस पर रोक लगनी चाहिए.
सीताराम येचुरी का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत, अजमेर और नवादा की रैलियों में अपने भाषणों में यह साफ किया है कि इंडिया ब्लॉक के नेता राम मंदिर के विरोधी हैं. उन्होंने इन नेताओं को भगवान राम के खिलाफ बता दिया है. वे आरोप लगाते हैं कि विपक्ष भगवान राम का अपमान करता है.
अब इन बयानों को लेकर सीताराम येचुरी सीधे चुनाव आयुक्त के पास पहुंच गए.
पीएम मोदी ने कहा क्या था?
पीएम मोदी ने दरअसल एक रैली में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन लोगों को भगवान राम से क्या दुश्मनी है, अयोध्या से क्या दुश्मनी है, हमारी संस्कृति से क्या दुश्मनी हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने यहां तक कह दिया कि अगर राम मंदिर बना तो उसे हम पवित्र नहीं होने देंगे, परेशानियां पैदा करेंगे.
सीताराम येचुरी की शिकायत क्या है?
CPIM नेता सीताराम येचुरी का कहना है कि पीएम मोदी अपने भाषणों में विपक्ष को राम के खिलाफ बताते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि राम नवमी का भी लोग विरोध करेंगे. सीताराम का कहना है कि ऐसे बयान सिर्फ धार्मिक भावनाएं भड़काते हैं. यह आचार संहिता का उल्लंघन है.
किस नियम के तहत एक्शन की मांग कर रहे सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी का कहना है कि पीएम मोदी ने आचार संहिता के खंड 1 और 3 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. उन पर IPC की धारा 153ए, धारा 505 और जन प्रतिनिधि कानून के धारा 123 के तहत एक्शन होना चाहिए.
क्या चाहते हैं सीताराम येचुरी?
सीताराम येचुरी का कहना है कि वे चाहते हैं कि इस मामले में चुनाव आयोग दखल दे और तत्काल पीएम मोदी के खिलाफ एक्शन ले. सीताराम येचुरी ने मांग की है कि पीएम के पद को न देखते हुए, निष्पक्ष तरीके से उनके खिलाफ आयोग एक्शन ले.