प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस पार्टी से जुड़ी एसोसिएटेज जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंजिया से जुड़े नेशनल हेराल्ड की 751.9 करोड़ की संपत्ति जब्त कर सकता है. ED ने संपत्तियों की कुर्की के आदेश को बरकरार रखा है. ऐसे में इसके प्रमोटरों की नींद उड़नी तय हो गई है. ED नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पहले ही कांग्रेस नेता सोनिया सांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों नेताओं के पास यंग इंडिया के 76 प्रतिशत शेयर थे. इसका असर अब गांधी परिवार पर पड़ना तय है. लोकसभा चुनाव 2024 में ये मुद्दे जोर-जोर से उछलने वाले हैं.
PMLA की निर्णायक समिति ने बीते साल नवंबर में नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों कोसीज किया था. ईडी का कहना है कि जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उन्हें मनी लॉन्ड्रिंस से जुटाया गया है. अब इस फैसले के चलते ईडी, दिल्ली के हेराल्ड हाउस, लखनऊ, मुंबई और कई दूसरे लोकेशन पर संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकता है.
क्या तत्काल कब्जा ले सकता है ED?
ED इन संपत्तियों को तत्लाक जब्त नहीं कर सकता है. ट्रायल कोर्ट में इस केस की अहम सुनवाई चल रही है. अगर कोर्ट इजाजत देता है तो इन संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय कुर्क कर सकता है.
क्यों इस फैसले का होगा गांधी परिवार पर असर?
नेशनल हेराल्ड, यंग इंडिया का है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसमें 76 प्रतिशत के हिस्सेदार हैं. नेशनल हेराल्ड को असोसिएटेड जनर्ल्स लिमिटेड की ओर से प्रकाशित किया जाता है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अलग-अलग हिस्सेदारी इस कंपनी पर देखें तो 38-38 फीसदी है. वैसे को 3 अगस्त 2022 को हेराल्ड बिल्डिंग में बना यंग इंडिया कंपनी का दफ्तर ईडी सील कर चुका है लेकिन अब अगर ये जब्त होता है तो राहुल गांधी और सोनिया पर बरसने का एक और मौका भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चुनाव के बीच मिल जाएगा.
राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी इस केस में पूछताछ कर चुका है. 3 अगस्त 2023 में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता से जुड़ी 18 जगहों पर ईडी के अधिकारियों ने रेड डाली. ईडी का कहना है कि ये संपत्तियां अवैध हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी इस केस में पूछताछ हो चुकी है.
ED का दावा है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों का मालिक है. इन पर यंग इंडिया का स्वामित्व है. एजेएल की ओर से इस कंपनी में 90 करोड़ से ज्यादा रुपये के अवैध निवेश किए गए हैं. इसी वजह से ईडी इन संपत्तियों को जब्त करने के मूड में है.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस जो गांधी परिवार के लिए बना मुसीबत?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में नेशनल हेराल्ड को मीडिया के सामने उठाया. 2014 आते-आते ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया. सोनिया गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और राहुल गांधी को इस केस में आरोपी बनाया गया. ईडी लगातार इस केस में जांच कर रही है. सभी नेता जमानत पर बाहर हैं.
क्या हैं गांधी परिवार पर आरोप?
राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर आरोप है कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड से जुड़ी कंपनी एजेएल से 90 करोड़ रुपये के लोन रिकवरी के राइट यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया. यंग इंडिया ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति महज 50 लाख रुपये में खरीद ली. ये भुगतान राहुल और सोनिया के स्वामित्व वाली कंपनी ने किया. यंग इंडिया ने लोन वसूलने के लिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अधिग्रहीत कर लिया. जिस बिल्डिंग पर यंग इंडिया का कब्जा है उसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपये है.
सुब्रमण्यम स्वामी तो यहां तक आरोप लगा चुके हैं कि यंग इंडिया की संपत्ति 50 लाख से बढ़कर 800 करोड़ पार हो गई है. इस केस में सिर्फ ईडी ही नहीं, इनकम टैक्स भी गांधी परिवार के पीछे है. यंग इंडिया को आईटी डिपार्टमेंट से 249.15 करोड़ रुपये के टैक्स पेमेंट का नोटिस भी मिला है.
क्यों गांधी परिवार की बढ़ेगी चुनावी मुश्किल?
बीजेपी गांधी परिवार को भ्रष्टाचार में संलिप्त बताती रही है. राजीव गांधी से लेकर रॉबर्ट वाड्रा तक, बीजेपी के निशाने पर रहे हैं. बीजेपी नेशनल हेराल्ड केस को चुनावी मुद्दा भी बता चुकी है. चुनावी सभाओं में अक्सर पीएम मोदी कहते हैं कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी जमानत पर बाहर आए लोग हैं, ये गलते तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं. बीजेपी नेताओं को ईडी के नए एक्शन से और रैलियों में गांधी परिवार के खिलाफ बोलने का दांव मिल जाएगा.