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SCO सम्मेलन में कजाकिस्तान क्यों नहीं जा रहे हैं PM मोदी? 4 कारण बताते हैं भारत की प्रतिबद्धता

SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन (SCO Summit) में शामिल नहीं होंगे. उनके स्थान पर भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करने वाले हैं. हालांकि, इससे पहले PM को वहां जाना लगभग तय था. आइये जानते हैं वो कौन-कौन से कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से प्रधानमंत्री वहां नहीं जा रहे हैं?

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Edited By: India Daily Live
SCO Summit PM Modi
Courtesy: India Daily Live

SCO Summit: प्रधानमंत्री मोदी की शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन (SCO Summit) में शामिल होने के लिए कजाकिस्तान नहीं जा रहे हैं. भारत की ओर से इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर जाएंगे. वहीं हिंदुस्तान के दल का नेतृत्व करेंगे. इससे पहले PM मोदी के वहां जाने की चर्चा हो रही थी जिस कारण तैयारियों के लिए अग्रिम सुरक्षा टीम ने कजाकिस्तान का दौरा किया था. हालांकि, अब ये तय हो गया है कि वो इसमें शामिल नहीं होंगे. ऐसे में अब इस बात की चर्चा हो रहा है की PM मोदी वहां क्यों नहीं जा रहे हैं. आइये समझते हैं क्या संभावित कारण हो सकते हैं?

प्रधानमंत्री कार्यालय या सरकार की ओर से इस संबंध में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, कुछ कारणों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. ये सम्मेलन 3-4 जुलाई को होना है. इसमें शामिल होने के लिए PM मोदी को अस्ताना से निमंत्रण भी आया था.

ये हो सकती हैं वजहें

  1. माना जा रहा है कि संसद के चालू सत्र में PM मोदी की व्यस्तता, जो 3 जुलाई तक चलेगा. ऐसे में वो देश के बाहर किसी भी कार्यक्रम में नहीं जाएंगे.
  2. कुछ जानकार मान रहे हैं कि PM मोदी इस कार्यक्रम में चीन के साथ बने तनाव के कारण शामिल नहीं हो रहे हैं
  3. सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान PM शहबाज शरीफ भी जाएंगे. भारत अपने PM की उनसे सीधी मुलाकात नहीं चाहता
  4. पिछले साथ ये आयोजन भारत में हुआ था. इसमें चीन और रूस के प्रमुख शामिल नहीं हुए थे. इस कारण आयोजन वर्चुअल हो गया था.

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग की. इसमें उन्होंने बताया कि SCO में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे. उनकी ओर से PM के शामिल न होने पर कोई कारण नहीं बताया गया. हालांकि, ये जरूर बताया गया है कि कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव से फोन PM की बात हुई है. इसमें उन्होने कजाकिस्तान को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है.

रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई और प्रधानमंत्री मोदी ने अस्ताना में सम्मेलन की सफलता के लिए भारत का पूर्ण समर्थन देने की बात कही है.

कौन कौन है सदस्य?

बता दें शंघाई सहयोग संगठन में भारत, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. 2014 के सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व का नेतृत्व भी विदेश मंत्री ने किया था. कोरोना पहले पांच बार इसमें PM मोदी शामिल होते रहे. हालांकि, 2021 में इसमें वो वर्चुअल रूप से शामिल हुए. वहीं 2022 में  उज्बेकिस्तान की यात्रा की. यहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में को लेकर चर्चा की थी. इसके बाद SCO सम्मेलन भारत में आयोजित हुए इसमें चीनी और रूसी राष्ट्रपति नहीं आए. हालांकि, बाद में कार्यक्रम को वर्चुअल कर दिया गया.