'PM मोदी का बड़ा दिल कन्नड़ियों के प्रति इतना कठोर क्यों?' राज्य में सूखे को लेकर CM सिद्धारमैया का केंद्र सरकार पर हमला
CM Siddaramaiah attacks central government: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य को लेकर केंद्र सरकार के रूख की आलोचना की है.
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नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य को लेकर केंद्र सरकार के रूख की आलोचना की है. कर्नाटक को सूखा राहत मुहैया कराने के मद्देनजर केंद्र सरकार के उदासीनता रवैये को लेकर सीएम सिद्धारमैया ने कहा 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत कर्नाटक की आकांक्षाएं और जरूरतें लगातार प्रभावित होती दिख रही हैं.'
'प्राकृतिक आपदाओं के समय गहरी चुप्पी बेहद चिंताजनक'
सीएम सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा "भारत के खजाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद हमारे राज्य को धन से लगातार इनकार का सामना करना पड़ा है. महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं बिना समर्थन के रह गई हैं, जबकि हमारे प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रमों को बंद होने के खतरों का सामना करना पड़ रहा है. हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उदासीनता का सामना करना पड़ रहा है और महत्वपूर्ण नदी जल मुद्दे अनसुलझे हैं. इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के समय गहरी चुप्पी और सहायता की कमी बेहद चिंताजनक है''
केंद्र सरकार के मंत्री कर्नाटक को सूखा राहत देने पर चुप क्यों?
सीएम सिद्धारमैया ने राज्य के बीजेपी सांसदों से आत्मनिरीक्षण करने और कर्नाटक के अधिकारों और आकांक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार के सामने जोरदार वकालत करने की बात कही है. अब चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं की ओर से कन्नडिगाओं को दी गई धमकियों को याद करने का समय आ गया है. जिसका परिणाम हम अब देख रहे हैं. बीजेपी सांसद और केंद्र सरकार के मंत्री कर्नाटक को सूखा राहत देने पर चुप क्यों हैं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि कन्नडिगाओं के प्रति उनकी मन में नफरत का भाव है?
'CM सिद्धारमैया का PM मोदी से सवाल'
सीएम सिद्धारमैया ने पूछा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी! दुनिया और उनके दुखों के लिए धड़कने वाला आपका बड़ा दिल कन्नड़ लोगों के प्रति इतना कठोर क्यों है? 'क्या आपके नेतृत्व वाली BJP सरकार कर्नाटक से बदला ले रही है? यह सिर्फ मेरा सवाल नहीं है, बल्कि साढ़े छह करोड़ स्वाभिमानी कन्नड़ लोगों का सवाल है.”
कर्नाटक के लिए कोई प्यार क्यों नहीं?
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य 1 नवंबर को नाम बदलने के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 9.5 वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से की गई उपेक्षा और उदासीनता की छाया उत्सव की भावना को कम कर देती है. कर्नाटक अपने समृद्ध इतिहास और भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के साथ खुद को एक दर्दनाक सवाल पूछता हुआ पाता है. कर्नाटक के लिए कोई प्यार क्यों नहीं? हमें बदलाव की उम्मीद थी. खासकर जब हम कन्नड़ राज्योत्सव के करीब पहुंच रहे हैं. यह एक ऐसा समय है जब कर्नाटक सबसे अधिक चमक रहा है और हम, लोग बेहतर के हकदार हैं. हम मान्यता, सम्मान और देश के विकास में उचित हिस्सेदारी की मांग करते हैं.आइए एक साथ आएं और कर्नाटक के लिए एक उज्जवल, अधिक न्यायसंगत भविष्य का निर्माण करें''
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