नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए दिल्ली पूरी तरीके से तैयार है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया भर के कई बड़े नेता इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जी20 को दुनिया का एजेंडा तय करने वाला संगठन माना जाता है. जी20 में कई ऐसे देश शामिल हैं जिनका क्षेत्रफल और आबादी काफी कम है.
जी20 की बैठक के दौरान पाकिस्तान की ओर से हमेशा इस बात का जिक्र किया जाता है कि उनका देश इस संगठन का हिस्सा क्यों नहीं है. जी20 से पाकिस्तान के बाहर होने की सबसे बड़ी वजह की अगर हम बात करें तो वह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था है. आपको बताते चलें कि अर्थव्यवस्था के मामले में पाकिस्तान 42वें स्थान पर है.
42वें स्थान पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान के क्षेत्रफल की अगर हम बात करें तो पाकिस्तान दुनिया भर में 33वां सबसे बड़ा देश है. पाकिस्तान की आबादी 5वें नंबर पर है लेकिन अर्थव्यवस्था के मामले में पाकिस्तान फिलहाल 42वें स्थान पर है. आपको बताते चलें कि इस मामला में बंग्लादेश, पोलैंड जैसे छोटे देश भी पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था के मामले में मात देते हैं.
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'पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता'
जी-20 देश की सूची में शामिल नहीं होने के पीछे पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री जावेद अहमद बुर्की पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता को एक बड़ी वजह मानते हैं. जावेद अहमद बुर्की का कहना है कि अगर जी-20 में पाकिस्तान शामिल हो जाए तो वह दुनिया में किनारे लगने की स्थिति से बच सकता है. उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ पाकिस्तान का रिश्ता भी इसके पीछे का एक बड़ा कारण है क्योंकि भारत और अमेरिका एक साथ आकर पाकिस्तान का विरोध करते हैं जबकि पाकिस्तान चीन के साथ रहकर अकेला पड़ गया है.
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