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NEET-UG पर सुप्रीम कोर्ट में क्यों टल गई सुनवाई? समझिए वजह

NEET UG Case: NEET-UG केस की सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, इस मामले को अब 18 जुलाई को सुना जाएगा. बताते चलें कि इस मामले में कई याचिकाकर्ताओं ने अपील दाखिल की है और सुप्रीम कोर्ट इन सभी पर एकसाथ सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनटीए को कहा था कि वे एफिडेविट दाखिल करें. वहीं, अन्य पक्षों से भी लिखित जवाब मांगे गए थे.

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Edited By: India Daily Live
Supreme Court
Courtesy: Social Media

सुप्रीम कोर्ट में आज NEET-UG मामले की सुनवाई होनी थी. चर्चाएं थीं कि दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता था. कयास लगाए जा रहे थे पेपर को रद्द भी किया जा सकता है. हालांकि, सुनवाई शुरू होते ही इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 जुलाई को होगी. इससे पहले, केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एफिडेविट दायर किया था. बता दें कि तमाम याचिकाकर्ताओं ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की है कि NEET-UG परीक्षा को रद्द किया जाए क्योंकि पेपर लीक हो गया था.

आज सुप्रीम कोर्ट में इस केस को 40 से 45 नंबर पर लिस्ट किया गया था. एक बार तो चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले पर कल सुबह सबसे पहले सुनवाई की जाएगी. फिर कहा गया कि अब इस पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि निजी समस्याओं के चलते वह सोमवार और मंगलवार को पेश नहीं हो सकते. ऐसे में यह तय हुआ है कि इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते की 18 तारीख यानी ठीक एक हफ्ते के बाद होगी.

क्यों टली सुनवाई?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी पक्षों को अपनी ओर से एफडेविट दाखिल करनी थी. केंद्र सरकार और एनटीए की ओर से बुधवार देर शाम एफिडेविट दायर की थी. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में बताया गया है कि कई पक्ष ऐसे हैं जिन्हें ये एफिडेविट नहीं मिले हैं. ऐसे में एफिवेडिट पढ़ने और उसके हिसाब से अपने तर्क तैयार करने के लिए उन्हें और समय चाहिए. यही वजह रही कि इस मामले को 18 जुलाई के लिए सुना जाएगा. बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा था कि यह मान लेना चाहिए कि पेपर लीक हुआ था.

इसी केस में केंद्र सरकार ने अपना एफिडेविट दाखिल कर दिया है. इसमें केंद्र सरकार ने आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि एक्सपर्ट ने जो डेटा अनैलसिस किया है उसके आधार पर पता चलता है कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. केंद्र सरकार ने परीक्षा में बड़े स्तर पर हुई गड़बड़ी की आशंका से इनकार किया है.

वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कहा था कि पेपर तो लीक हुआ है, अब बस यह देखना है कि इसका प्रसार कितना था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर यह पेपर इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए लीक हुआ है तो इसे रद्द ही किया जाना चाहिए.