बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) के सियासी तेवर, आकाश आनंद से मुलाकात के बाद बदल गए हैं. ऐसा लग रहा है कि पहले वे सीधे अपने विरोधियों पर तंज नहीं कसती थीं, अब उन्होंने तय कर लिया है कि भतीजे आकाश आनंद की तरह ही सीधा हमला बोलना है. मायावती ने इशारों-इशारों में यह बता दिया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने कहा है कि दोनों गुटों ने संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया है.
मायावती ने कहा, 'केंद्रीय संसद में विपक्ष द्वारा संविधान की कॉपी दिखाई जाने के मामले में ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं और इन दोनों ने मिलकर इस संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया. सत्ता और विपक्ष की दोनो की अंदरूनी मिलीभगत है.'
मायावती ने कहा, 'दोनों ही सत्ता विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक किया जा रहा. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ये कतई उचित नहीं है.'
मायावती ने कहा कि इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए की अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया. ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते.'
#WATCH | Former Uttar Pradesh CM and BSP chief Mayawati says "There is no doubt that there is a competition between the ruling party and the opposition to show the copy of the Constitution inside and outside the Parliament. All these people seem to be two sides of the same coin… pic.twitter.com/qhhWLr5A8r
— ANI (@ANI) June 25, 2024
मयावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को लोकसभा चुनावों में अपरिपक्व बताकर पार्टी प्रचारक और संयोजक के पद से हटा दिया था. चुनाव में मिली करारी हार के बाद मायावती अपनी रणनीति बदलने पर तैयार हो गईं. उन्होंने उपचुनावों को देखते हुए एक बार फिर से आकाश आनंद को स्टार प्रचारक बनाया. जब बहुजन समाज पार्टी(BSP) के पूर्व नेता राम पराग से पूछा गया कि आकाश आनंद मायावती के तेवर बदल रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'आकाश आनंद के तेवर, विपक्ष को लेकर बेहद तल्ख रहे हैं. बसपा, यूपी में ही हाशिए पर जा रही है, ऐसे में आकाश आनंद, जैसे नेता की बसपा को जरूरत है. आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के उभार की काट आकाश आनंद ही हैं. यह मायावती की अस्तित्व बचाने की रणनीतिक मजबूरी भी है. आकाश आनंद की रणनीति पर ही चलकर काम करने वाली हैं.'