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कर्नाटक हाई कोर्ट ने Pepper spray को क्यों बताया खतरनाक हथियार? जानिए वजह

कर्नाटक हाई कोर्ट ने आत्मरक्षा के अधिकार को लेकर अहम बात कही है. अगर प्राण का संकट न हो तो प्राइवेट डिफेंस में घातक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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Edited By: India Daily Live
Karnataka High Court
Courtesy: Karnataka High Court

कर्नाटक हाई कोर्ट ने पेपर स्प्रे (Pepper Spray) के इस्तेमाल पर अमेरिकी कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिस पर चर्चा हो रही है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि पेपर स्प्रे एक खतरनाक हथियार है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने ज्वैलरी ब्रांड सी कृष्णैया चेट्टी एंड संस (CKC) के डायरेक्टर सी गणेश नारायण और विद्या नजराजन के खिलाफ दर्ज एक केस में जांच रद्द करने से इनकार कर दिया. 

याचिकाकर्ताओं पर 29 अप्रैल 2023 को बेंगलुरु के शिवाजीनगर में सीकेसी एंड संस शोरूम में तैनात सिक्योरिटी गार्ड रणदीप दास और उनके कैंपस की दीवार पर काम कर रहे कुछ मजदूरों पर हमला करने का आरोप लगाया गया था. 

दोनों पक्षों में जमकर गालीगलौज और मारपीट हुई थी. इस लड़ाई के दौरान विद्या नजराजन ने पेपर स्प्रे छिड़क दिया था. इस केस में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ही केस दर्ज कराया गया था. इस याचिका को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने दुहाई दी कि उन्हें अपनी आत्मरक्षा में पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ा. यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 100 के तहत आत्मरक्षा में आता है. 

विद्या नटराजन का कहना है कि आरोपियों ने उनकी प्रॉपर्टी पर हमला बोला था. इस हमले में विद्या भी घायल हुई थीं, इसी वजह से उन्होंने पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया. सभी साक्ष्यों पर गौर करने के बाद जस्टिस एम नागप्रसन्न ने कहा कि दोनों पक्षों ने नामजद FIR एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराया है.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्यों बताया पेपर स्प्रे को खतरनाक हथियार?

IPC की धारा 324 कहती है कि कोई भी स्वेच्छा से किसी ऐसे यंत्र, चाकू, गोली बंदूक या किसी ऐसे हथियार से चोट पहुंचाता है, जिससे मौत होने की आशंका है, वह अपराध करता है. पेपर स्प्रे एक खतरनाक हथियार है. किसी भी कानून के जरिए यह तय नहीं किया गया है लेकिन पेपर स्प्रे एक खतरनाक हथियार माना जा रहा है. साल 2018 में पीपुल्स बनाम सैंडेज केस में एक अमेरिकी अदालत ने कहा था कि पेपर स्प्रे एक खतरनाक रासायनिक हथियार है. 

याचिकाकर्ताओं ने बचाव के अधिकार का हवाला दिया था. जस्टिस नागप्रस्नन ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि विद्या को काली मिर्च का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. उनके जीवन पर कोई खतरा नहीं था. हाई कोर्ट ने कहा कि इस केस में जांच की जरूरत है. इस स्तर पर कोई भी हस्तक्षेप कप्तान सिंह बनाम यूपी सरकार केस में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के रूलिंग के खिलाफ होगा.