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हिंडनबर्ग रिसर्च पर क्यों भड़की है SEBI, अडानी ग्रुप से है कनेक्शन, आखिर माजरा क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह RTI अप्लीकेशन फाइल करेगा. अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल जनवरी में अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी. इसमें अनुचित व्यापार का आरोप लगाया था. अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इससे अडानी ग्रुप के मार्केट कैप में 150 अरब डॉलर तक की गिरावट आई.

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SEBI
Courtesy: Social Media

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और अदाणी ग्रुप के बीच में अब मार्केट रेगुलेटर भी आ गया है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि उसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) से 27 जून को एक ‘कारण बताओ’ नोटिस मिला है जिसमें भारतीय नियमों के संदिग्ध उल्लंघनों’ की बात की गई है. हिंडनबर्ग ने मंगलवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, भारतीय बाजार में सोर्सेज के साथ चर्चा से हमारी समझ है कि हमारी जनवरी 2023 की रिपोर्ट प्रकाशित होने के तुरंत बाद सेबी की अदाणी को गुप्त सहायता शुरू हो गई.

हिंडनबर्ग ने कहा कि हमारी रिपोर्ट के बाद, हमें बताया गया कि सेबी ने पर्दे के पीछे ब्रोकरों पर महंगी, लगातार जांच की धमकी के तहत अदाणी में शॉर्ट पोजीसंस को बंद करने के लिए दबाव डाला, प्रभावी ढंग से खरीदारी का दबाव बनाया और एक महत्वपूर्ण समय में अदाणी के शेयरों के लिए ‘फ्लोर’ स्थापित किया. कंपनी ने कहा कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने रेगुलेटर को आरोपों की जांच करने के लिए कहा था, इसके बाद सेबी ने हमारी रिपोर्ट की कई महत्वपूर्ण जानकारियों पर सहमति जताई. बाद में सेबी ने कहा कि वह आगे की जांच करने में असमर्थ है.

आडानी पर हमारे रिसर्च में कोई गलती नहीं

हिंडनबर्ग ने कहा कि 1.5 साल तक चली जांच में सेबी ने आडानी पर हमारे रिसर्च में कोई गलती नहीं पाई. हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह एक सूचना का अधिकार (RTI) अप्लीकेशन फाइल करेगा ‘जिसमें सेबी के कर्मचारियों के नाम मांगे जाएंगे जो अदाणी और हिंडनबर्ग मामलों पर काम कर रहे थे, साथ ही सेबी और अदाणी और उसके विभिन्न प्रतिनिधियों के बीच बैठक और कॉल का विवरण भी मांगा जाएगा.’

हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी ने अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा की है, ऐसा प्रतीत होता है कि वह धोखाधड़ी करने वाले निवेशकों की रक्षा करने के बजाय धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा करने के लिए अधिक प्रयास कर रहा है. फर्म ने यह भी कहा कि अदाणी ‘थीसिस’ में उसका एक निवेशक साझेदार था.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडाणी को हुआ नुकसान

पिछले साल जनवरी में अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने टैक्स हेवन के अनुचित इस्तेमाल का आरोप लगाया था और कर्ज के स्तर को लेकर चिंता जताई थी. इस रिपोर्ट के कारण अडानी समूह के घरेलू सूचीबद्ध शेयरों में 86 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी. ये मामल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह की जांच के लिए एसआईटी गठन करने से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि सेबी विनियमन करने में विफल नहीं हुआ है, तथा बाजार नियामक से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह प्रेस रिपोर्टों के आधार पर अपना कार्य करता रहेगा.