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15,520 किलोमीटर सड़क बनाने की तैयारी क्यों कर रहा है भारत? चीन-पाकिस्तान या कुछ और है वजह

केंद्र की मोदी सरकार ने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए 15,520 किलोमीटर बॉर्डर रोड नेटवर्क खड़ा कर दिया है. जहां 3600 किमी सड़क का काम हो चुका है, वहीं 6700 किमी सड़क निर्माणाधीन है. भारत के लिए ये सड़कें रणनीतिक रूप से बेहद अहम हैं. आइए जानते हैं क्यों ये भारत के लिए जरूरी हैं.

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Courtesy: social media

केंद्र की मोदी सरकार देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर रोड नेटवर्क तैयार करवा रही है. 15,520 किलोमीटर सड़क बनने जा रही. जिसमें अब तक 3600 किमी सड़क का निर्माण सरकार करा चुकी है, जबकि 6700 किमी सड़क का काम निर्माणाधीन है. 

मोदी सरकार-3.0 के विजन-2047 के मास्टर प्लान में फेज-1 व फेज-2 में 5220 किमी बॉर्डर रोड नेटवर्क (रणनीतिक व अंतराष्ट्रीय) खड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है. मास्टर प्लान के दस्तावेज के मुताबिक फेज-1 में कुल 2379 किमी के दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में बनेंगे. जम्मू-कश्मीर में 166 किमी राजमार्ग का निर्माण होगा.

मिशन 2047 पर भारत का फोकस

वहीं, फेज-2 में सिक्कम (21 किमी), पश्चिम बंगाल (75 किमी), असम (144 किमी), बिहार (48 किमी), झारखंड (141 किमी) के साथ गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में राजमार्ग निर्माण किए जाएंगे. फेज-एक व दो को 2047 से पहले समाप्त किया जाएगा.

बॉर्डर रोड नेटवर्क खड़ा करने पर सरकार 75,000 से एक लाख करोड़ रुपये तक का खर्च करेगी. हालांकि इसमे कितना निवेश होगा ये सभी बातें डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही सामने आएंगी. फिलहाल सरकार ने करीब एक लाख करोड़ का बजट रखा है. 

सड़क का किया जाएगा चौड़ीकरण

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत की सीमा आसपास 18000 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है. इसमें से 13,300 किमी राजमार्ग बनाने के लिए इन मार्गों का चौड़ीकरण किया जाएगा. इसके अलावा सीमा के आसपास के मौजूदा राजमार्ग को जोड़ने वाले संपर्क राजमार्ग भी बनेंगे. 

250 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर काम जारी

केंद्र सरकार ने पिछले पांच सालों में सीमा पर लगभग 3600 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए हैं. इनमें से 95 फीसदी राजमार्ग पाकिस्तान और सीमा पर बने हैं. इन दोनों पड़ोसी देशों की सीमाओं पर 250 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर काम जारी है. इसके तहत 6700 किमी से अधिक राजमार्ग निर्माणधीन है. 

क्या है वजह?

बता दें कि पाकिस्तान के साथ सीमा पर युद्ध लड़ना भारत के लिए आसान है लेकिन चीन के साथ काफी मुश्किल. क्योंकि चीन के साथ हिमालय के ऊंचे पहाड़ लगते हैं. ऐसी स्थिति में भारत को ऐसे फाइटर जेट्स, आर्टिलरी और माउंटेन कोर की ताकत चाहिए, जो चीनी सैनिकों को ऊंचे पहाड़ों पर कड़ी टक्कर दे सकें. चीन के साथ भारत का अन-डिमार्केटेड बॉर्डर करीब 4057 किलोमीटर लंबा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अक्सर संघर्ष की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में 15,520 किलोमीटर सड़क बनाने के इस फैसले के बाद इन दोनों देशों में बौखलाहट देखी जा सकती है.