असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ जिहाद के बाद अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संरचना पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि इसका गेट भी जिहाद की निशानी जैसा है और इसके अंदर जाते हुए शर्म आती है. दरअसल यह प्राइवेट विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मेघालय गुवाहाटी के बाहरी इलाके में बनी है. यह शैक्षणिक संस्थान एक बंगाली मुसलमान का है और अब इसके ढांचे पर सवाल खड़ा हो रहा है. सीएम हिमंता ने यहां तक कहा कि यह पढ़ाई को बर्बाद कर रहे हैं. इससे पहले सरमा ने इसी यूनिवर्सिटी को फ्लड जिहाद के लिए जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के कैंपस के लिए पहाड़ो को काटा जा रहा है.इसके चलते यहां पर बाढ़ आ रही है.
हिमंता सरमा ने जब पूछा गया कि वह जिहाद शब्द का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जिहाद कहकर तो मैं फिर भी बहुत नरमी बरत रहा हूं. यह लोग तो जिहाद का बाप कर रहे हैं. पूरा एजुकेशन सिस्टम को बर्बाद किया जा रहा है. सरमा ने कहा कि हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति पर जो हमला किया जाता है उसको जिहाद कहते है. उधर सरमा ने राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि उन्होंने साल 2021 में हक की मौजूदगी में इस यूनिवर्सिटी के नए हिस्से का उद्घाटन किया था. हालांकि सीएम का दावा है कि वह यूनिवर्सिटी में गए जरूर है लेकिन यह एक कार्यक्रम था, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आए थे.
दरअसल यूएसटीएम के पास इस इलाके का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम है. इसके चलते सभी बड़े इंवेट्स के लिए लोग यहां पर आते हैं. सरमा ने कहा कि इसके बदले में वह इससे भी बड़ा आडिटोरियम गुवाहाटी में बना रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं गया और मैंने सोचा कि अगर यह ऑडिटोरियम यहां रहा तो इसके लिए गुवाहाटी के लोग उस शख्स के सामने झुके रहेंगे. यही वजह है कि मैंने खानपारा में चुपचाप इसे भी बड़ा आडिटोरियम बनामा सुरू कर दिया. नवंबर या जनवरी तक हम इसका उद्घाटन करने वाले है.
बता दें कि इस USTM यूनिवर्सिटी की स्थापना बंगाली मूल के मुसलमान महबुबुल हक के संस्थान ने की है. वह असम स्थित बराक वैली के करीमगंज जिले रहने वाले हैं. हक ही यूनिवर्सिटी के चांसलर भी है.