हर साल 200 करोड़ का नुकसान; आखिर असम में क्यों आती है इतनी बाढ़?
असम में 30 जिले के करीब ढाई हजार गांव जलमग्न है. हर साल की तरह इस बार भी ये पूर्वोत्तर राज्य ब्रह्मपुत्र नदी का प्रकोप झेल रहा है. इस बाढ़ की वजह से अबतक पचास से अधिक लोगों की मौत हो गई है. लगभग साढ़े तीन लाख लोग और 500 जानवरों को बचाया गया है. बाढ़ की वजह से इस बार 40,000 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वहीं डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी के बड़े हिस्से पानी में डूबे हुए हैं.

हर साल की तरह इस बार भी असम में बाढ़ से लोगों की हालात खराब हो गई है. प्रदेश पूरी तरह से जलमग्न है. राज्य की मुख्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बाढ़ की वजह से 30 जिलों के 24 लाख से ज्यादा लोग सीधेतौर पर प्रभावित हुए हैं. वहीं इस बाढ़ से यहां के जानवरों का जीना भी मुहाल हो गया है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि असम में हर साल बाढ़ आती क्यों है और फिर सरकार इस परिस्थिति में असहाय क्यों महसूस करती है.
असम इस बार फिर डूब गया है. 28 जिले के करीब ढाई हजार गांव जलमग्न है. हर साल की तरह इस बार भी ये पूर्वोत्तर राज्य ब्रह्मपुत्र नदी का प्रकोप झेल रहा है. वहीं असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, अब तक इस बाढ़ ने 50 से अधिक लोगों की जान ले ली है. करीब साढ़े तीन लाख लोग और 500 जानवरों को बचाया गया है. इस बार 40,000 हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है और डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी के बड़े हिस्से पानी में डूबे हुए हैं.
फिर डूब गया असम
असम में भयानक बाढ़ से करीब साढ़े ग्यारह लाख लोग प्रभावित हुए हैं. पिछले साल भी कुछ ऐसे ही स्थिति थी. तब अक्टूबर में असम के सीएम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उफनती नदियों के प्रभाव को कम करने के लिए 54 परियोजनाओं की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि ये पहल हमें बाढ़ मुक्त असम के करीब ले जाएगी. हालांकि अभी पूरी तस्वीर इस बयान से अलग है. राज्य सरकार बढ़ते और उग्र पानी के खिलाफ लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा करने के करीब भी नहीं पहुंच पाई है. वही अब सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बाढ़ पर बयान जारी करते हुए कहा, 'बाढ़ राज्य के नियंत्रण से परे भौगोलिक कारकों के कारण होती है.'
हर साल असम में क्यों आती है बाढ़?
असम में 4-5 साल में एकाध बार बाढ़ आती थी लेकिन अब हर साल ही यहां 3 से 4 बार बाढ़ आ जाती है. आखिर असम में ही क्यों इतनी बाढ़ आती है इसे समझने के लिए यहां कि जियोग्राफी पर नजर डालनी भी बहुत जरूरी है. असल में असम की भौगोलिक स्थिति किसी गोलाकार कटोरे जैसी है, जिसमें पानी जल्दी और सबसे पहले जमा हो जाता है.
असम की कमजोरी जल विज्ञान और जलवायु कारकों के एक जटिल संयोजन से भी पैदा हुई है. राज्य में ब्रह्मपुत्र और बराक नदी के अलावा 120 से अधिक ऐसी नदियां हैं, जिनमें से कई अरूणाचल प्रदेश और मेघालय के साथ-साथ चीन और भूटान से अत्यधिक वर्षा वाले हॉटस्पॉट की पहाड़ियों और पहाड़ों से निकलती है लेकिन एक सत्य यह भी है कि लगभग 70 साल से केंद्र और असम सरकार ने नदियों के उफान से होने वाले नुकसान को कंट्रोल नहीं कर पाई है.
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