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भारत जोड़ो यात्रा निकालने का क्या था मकसद? राहुल गांधी ने दिया जवाब

राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के ठीक से काम न करने की उनकी भावना के प्रति प्रतिक्रिया है. वाशिंगटन डीसी में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हमें राजनीतिक रूप से यात्रा निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लोकतंत्र में सामान्य रूप से काम करने वाले सभी साधन काम नहीं कर रहे थे.

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Edited By: India Daily Live
Rahul Gandhi
Courtesy: Social Medai

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका के दौर पर हर दिन देश के मुद्दों पर बात कर रहे हैं. बुधवार को पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा को भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं की विफलता के जवाब में आवश्यक कदम बताया. गांधी की यह टिप्पणी एक प्रेस वार्ता के दौरान आई, जहां उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू करने का निर्णय लोगों से सीधे जुड़ने की आवश्यकता से प्रेरित था.

राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के ठीक से काम न करने की उनकी भावना के प्रति प्रतिक्रिया है. वाशिंगटन डीसी में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हमें राजनीतिक रूप से यात्रा निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लोकतंत्र में सामान्य रूप से काम करने वाले सभी साधन काम नहीं कर रहे थे. गांधी के अनुसार, पार्टी को लगा कि उसके पास जनता से सीधे जुड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, और उनका मानना ​​है कि इस कदम से जनता में गहरी प्रतिक्रिया हुई.

भारत में एक वैचारिक युद्ध चल रहा

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में एक वैचारिक युद्ध चल रहा है. अपनी यात्रा पर विचार करते हुए, गांधी ने लोगों की आवाज़ बनने के अपने प्रयासों को रेखांकित किया. उन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से कृषि, वित्त और कराधान जैसे क्षेत्रों से सीधे जुड़ने वाले नेता की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाले जटिल मुद्दों को समझा जा सके.

इंडिया ब्लॉक का क्या होगा भविष्य? 

गांधी ने 26 विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक की भविष्य की दिशा के बारे में भी बात की. उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन का दृष्टिकोण भाजपा के केंद्रीकरण और एकाधिकार वाले एजेंडे से "मूलभूत रूप से अलग" होगा. गांधी ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए यह कहना कि हम विनिर्माण को नजरअंदाज करेंगे और केवल सेवा अर्थव्यवस्था चलाएंगे, इसका मतलब है कि आप अपने लोगों को रोजगार नहीं दे सकते. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अमेरिका के साथ मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. 

पीएम मोदी पर बोला था हमला

मंगलवार को उन्होंने वर्जीनिया के हर्नडन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले लोगों में जो डर की भावना थी वह अब गायब हो गई है. इससे पहले सोमवार को इसी तरह की टिप्पणी में गांधी ने टेक्सास में भारतीय समुदाय से कहा था कि इस साल के आम चुनावों में पार्टी के अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद लोगों का प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा से डर खत्म हो गया है.