क्यों बार-बार अपनी कुर्सी छोड़ स्टूल पर बैठ रहे थे चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, वजह जान रह जाएंगे हैरान
सीजेआई ने आज एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में युवा वकीलों के लिए बैठने की व्यवस्था करने को कहा था.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कुछ ऐसा घटा जिसको लेकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की चारों तरफ वाहवाही हो रही है. लोग कह रहे हैं कि जज हो तो ऐसा...दरअसल मंगलवार 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में औद्योंगिक शराब पर टैक्स लगाने और उसे विनियमित करने की राज्य की शक्तियों से संबंधित मुद्दे पर सुनवाई चल रही थी.
सुनवाई कर रही 9 जजों की बेंच की अध्यक्षता सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे. अचानक से चीफ जस्टिस ने सुनवाई रोक दी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को रोकते हुए कहा, 'आपके सभी जूनियर हाथ में लैपटॉप लिए हर दिन यहां खड़े रहते हैं. मैं उन्हें नोटिस करता हूं. मैं कोर्ट मास्टर से कहना चाहूंगा कि अगर हो सकते तो दोपहर बाद वे आपके पीछे इनके बैठने की व्यवस्था कर दें.'
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि मैं भी इस चीज को देख रहा था. उन्होंने कोर्ट रूम में बैठ अन्य वकीलों से कहा कि जो वकील इस केस से संबंधित नहीं है वो कृपया इन वकीलों के लिए कुर्सी खाली कर दें.
दोपहर लंच के बाद एक और चौंकाने वाली घटना हुई. सुनवाई पर लौटे सीजेई अपनी कुर्सी पर बैठने के बजाय वकीलों के बीच जाकर उस स्टूल पर बैठ गए. यह देखकर कोर्ट में उपस्थित जज व वकील हैरान रह गए.
दरअसल सीजेआई के आदेश पर ही कोर्ट रूप में वकीलों के लिए स्टूल लगवाए गए थे. स्टूल पर बैठकर सीएजाई चेक कर रहे थे कि कहीं वकीलों को बैठने में कोई दिक्कत तो नहीं.
सीजेआई की दरियादिली देखकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'सीजेआई उदारता के प्रतीक हैं. आज उन्होंने जो किया वह अभूतपूर्व है. सभी अदालतों को इसका पालन करना चाहिए.'
मेहता बोले- हमारे पास CJI की प्रशंसा के लिए शब्द नहीं
मेहता ने आगे कहा कि ज्यूडिशियल सिस्टम के सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति बिना किसी को बताए युवा वकीलों की परेशानी के बारे में सोचता है यह प्रशंसनीय और आदर के योग्य है. सभी युवा वकीलों के पास उनका आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं. मैं अभिभूत हूं.