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किरकिरी कराई, ट्रोल हुए और विवादों की चुकाई कीमत, फिर भी सैम पित्रोदा पर मेहरबान क्यों हुई कांग्रेस?

सैम पित्रोदा, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के एक बार फिर चेयरमैन बनाए गए हैं. वे अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर रहे हैं. कभी नस्लीय टिप्पणी करते हैं, कभी विरासत टैक्स की वकालत करते हैं. उनके बयानों की वजह से कांग्रेस पार्टी को कई बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है. एक बार फिर उनकी पद पर वापसी हो गई है. आखिर कांग्रेस उन पर इतनी मेहरबान क्यों है, आइए जानते हैं.

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Edited By: India Daily Live
Sam Pitroda and Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

विवादित बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सैम पित्रोदा पर एक बार फिर कांग्रेस मेहरबान हो गई है. कांग्रेस ने बुधवार को सैम पित्रोदा को दोबारा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने अपने विवादित बयानों से कांग्रेस पार्टी की खूब किरकिरी कराई थी. राहुल गांधी से लेकर जयराम रमेश तक, उनके बयानों की सफाई देते-देते थक गए थे. जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. अब एक बार फिर उनकी पद पर बहाली हो गई है.

कांग्रेस का दावा है कि 'जो हुआ सो हुआ', अब वे विवादित बयान नहीं देंगे. कांग्रेस को भरोसा है कि अब कोई ऐसी टिप्पणी नहीं आएगी, जिसकी वजह से देश में हंगामा हो. सैम पित्रोदा के इस्तीफे को बीजेपी ने एक चुनावी हथकंडा बताया था. अब कांग्रेस ने दोबारा उन पर भरोसा जता दिया है कि वे चुप रहेंगे. इतिहास बताता है कि सैम पित्रोदा के तेवर ऐसे कभी रहे नहीं हैं. वे चुप नहीं रहने वाले नहीं हैं.

क्यों कांग्रेस के लिए इतने अहम हैं सैम पित्रोदा?

सैम पित्रोदा, कांग्रेस के लिए कितने अहम हैं, इसे बीजेपी से बेहतर कोई नहीं जानता. भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी जानते थे कि चुनाव बीतते ही कांग्रेस सैम पित्रोदा को फिर से बहाल कर देगी. बीजेपी ने X पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी ने अनुमान लगाया था, कांग्रेस द्वारा सैम पित्रोदा को हटाया जाना महज एक चुनावी नौटंकी थी. अब उन्हें भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में बहाल कर दिया गया है. यह कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के पाखंड को उजागर करता है.'

कांग्रेस के लिए करते क्या हैं सैम पित्रोदा?

कांग्रेस के पूर्व नेता प्रमोद उपाध्याय बताते हैं कि सैम पित्रोदा, राजीव गांधी के समय से ही गांधी परिवार के भरोसेमंद सिपाही हैं. वे पार्टी की नीतियों को बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. कहा जाता है कि वे राहुल गांधी की राजनीतिक लॉन्चिंग के लिए कई बार काम कर चुके हैं. साल 2014 से ही वे ब्रांड राहुल को बनाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा चुके हैं. विदेश में राहुल गांधी कहां कार्यक्रम करेंगे, उनके भाषणों में क्या होगा, काफी हद तक सैम पित्रोदा मदद करते हैं.

जब विरासत टैक्स और नस्लीय टिप्पणी पर विवाद बढ़ा तो बीच चुनाव 8 मई को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस पार्टी ने उनके बयानों से असहमति जताई थी. उनके इस्तीफे पर बीजेपी को कांग्रेस की आलोचना करने का मौका भी मिल गया.

कांग्रेस को यकीन, अब नहीं फिसलेगी सैम पित्रोदा की जुबान

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान सैम पित्रोदा ने कुछ ऐसे बयान दिए थे, जो कांग्रेस पार्टी को स्वीकार्य नहीं थे. आपसी सहमति से उन्होंने ओवरसीज इंडियन कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने साफ किया कि वे बयान किस संदर्भ में थे. मोदी की कैंपेनिंग में उन्हें कैसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें इस आश्वासन पर फिर से नियुक्त किया है कि वे भविष्य में इस तरह के विवादों में नहीं पड़ेंगे.'

 

सैम पित्रोदा के किन बयानों पर बरपा है हंगामा?

- सैम पित्रोदा ने कहा था कि नॉर्थ-ईस्ट के लोग चीनी जैसै दिखते हैं.
- पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं.
- दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं.
- सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की वकालत की थी, जिस पर चुनावी रैलियों में कांग्रेस बुरी तरह ट्रोल हुई थी. 
- उन्होंने कहा था कि राम मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा. महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याओं के बारे में बात करें, मंदिर बनाने से रोजगार नहीं मिलेगा.

पीएम ने कर दी थी सैम पित्रोदा के लौटने की भविष्यवाणी

सैम पित्रोदा वापस कांग्रेस में आएंगे, इसकी भविष्यवाणी पीएम मोदी ने कर दी थी. उन्होंने चुनाव के बीच एक इंटरव्यू में कहा था कि कांग्रेस अपने अमेरिकन गुरु को वापस जरूर लाएगी. कांग्रेस आपकी संपत्तियों को बांटना चाहती है.