Narendra Modi Caste: भारत में लोकसभा चुनाव नजदीक हैं. देश में चुनावों में जातिगत समीकरण का प्रभाव किसी से छुपी बात नहीं है. इसी बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर एक बार फिर बातचीत हो रही है. मोदी खुद को पिछड़ा वर्ग से आया हुआ बताते हैं लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि पीएम मोदी का जन्म सामान्य वर्ग में हुआ था.
ओड़िशा के बेलपहाड़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी तेली जाति में पैदा हुए थे. आम लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है. मोदी जी के समुदाय को बीजेपी सरकार ने साल 2000 में ओबीसी का दर्जा दिया. लेकिन मोदी पूरी दुनिया में झूठ बोल रहे हैं कि मैं ओबीसी पैदा हुआ था.
राहुल गांधी का कहना है कि सामान्य वर्ग से आने वाले मोदी पिछड़ों के हक और हिस्सेदारी के साथ क्या ही न्याय करेंगे? ना ही वे जातिवार जनगणना कराएंगे.
नरेंद्र मोदी जन्म से OBC नहीं हैं, उन्हें BJP की गुजरात सरकार ने OBC बनाया है। pic.twitter.com/mn9eB58I6V
— Congress (@INCIndia) February 8, 2024
राहुल के इस तीखे हमले के बाद भाजपा नेता अमित मालवीय X पर एक पोस्ट की है. पोस्ट पर राहुल गांधी को झूठा बताते हुए लिखा है कि, गुजरात के सीएम बनने से 2 साल ही पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था. अमित ने 27 अक्तूबर, 1999 को जारी एक राजपत्र (गजट) के साथ अपने दावों का सबूत भी पेश किया है.
Prime Minister Narendra Modi got his caste notified as an OBC after he became the Chief Minister of Gujarat: Rahul Gandhi.
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 8, 2024
This is a blatant lie. PM Narendra Modi's caste was notified as an OBC on Oct 27, 1999, a full 2 years BEFORE he became the Chief Minister of Gujarat.… pic.twitter.com/lDU3uJrHwJ
मोदी की जाति का मामला 2019 और 2014 लोकसभा चुनाव के समय भी गरमाया था. प्रधानमंत्री ने शोलापुर (महाराष्ट्र) में खुद को पिछड़े वर्ग का बताया था और कहा था कि इसी वजह से उनको निशाना बनाया जाता रहा है. 2014 में भी मोदी ने खुद को पिछड़ा बताने से कोई गुरेज नहीं किया तो कांग्रेस ने फिर इसका विरोध किया था. गुजरात कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने तब कहा था कि मोदी सीएम बनने के बाद साल 2002 में अपनी जाति (मोढ़ घांची) को ओबीसी सूची में डलवा दिया था ताकि इसका राजनीतिक तौर पर फायदा मिल सके.
गुजरात की 104 जातियां ओबीसी की केंद्रीय सूची (प्रविष्टि संख्या 23) में शामिल हैं. घांची (मुस्लिम), तेली, मोढ़ घांची, तेली-साहू, तेली-राठौड़, वे समुदाय हैं जो पारंपरिक रूप से खाद्य तेल बनाते और उसका व्यापार करते हैं. इन समुदायों के सदस्य जगह के हिसाब से आम तौर पर गुप्ता और मोदी उपनाम का उपयोग भी करते हैं.
ध्यान देने की बात है कि इनमें से कुछ जातियों को पहले ही ओबीसी में शामिल किया हुआ था. अक्टूबर 1999 में कुछ और जातियों को गुजरात में ओबीसी का दर्जा मिला था जिसमें मुस्लिम घांची समुदाय, तेली, मोढ़ घांची और माली शामिल हैं.
पीएम मोढ़ घांची से आते हैं. जब ये जाति ओबीसी में आई तो उसके भी 18 महीने बाद उसे उनके पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री (27 अक्टूबर, 2001 को) बनने से लगभग 18 महीने पहले ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया गया था.
मजेदार बात ये है कि शक्ति सिंह गोहिल कि मोढ़ घांची समाज को 2002 में गुजरात में ओबीसी की सूची में शामिल किया गया था. यानी मोदी ने बाद में खुद को शामिल कराया. शक्ति ने 2014 में दावा किया था कि उन्होंने आरटीआई (सूचना के अधिकार) के जरिए ये जानकारी ली है. लेकिन ये बात पूरी तरह सच नहीं है.
एक रिपोर्ट बताती है कि घांची समाज पहले ही ओबीसी में दर्ज हो चुका था लेकिन बाकी उपजातियां नहीं हो पाई थी. जबकि उनको भी तभी ओबीसी में शामिल होना था. इसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते 2002 में एक सर्कुलर के जरिए ‘मोढ़ घांची’ को ओबीसी का दर्जा दिए जाने की घोषणा करनी पड़ी.
मोदी उपनाम किसी खास समुदाय या जाति का प्रतीक नहीं है. यह उपनाम भारत के विभिन्न राज्यों में विभिन्न समुदायों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.
गुजरात में:
मोदी उपनाम हिंदू, मुस्लिम और पारसी समुदायों में पाया जाता है.
मोदी उपनाम वाले लोगों में वैश्य (बनिया), खरवास (पोरबंदर के मछुआरे) और लोहाना (व्यापारी समुदाय) शामिल हैं.
गुजरात के अलावा:
मोदी उपनाम वाले लोग उत्तर प्रदेश और बिहार में भी रहते हैं.
यह उपनाम मारवाड़ी समुदाय द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता है, जो अग्रवालों का एक समूह है.
मारवाड़ी मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले के अग्रोहा से थे. बाद में वे हरियाणा के महेंद्रगढ़ और राजस्थान के झुंझुनू और सीकर जिलों में फैल गए.
उदाहरण:
IPL के संस्थापक ललित मोदी के दादा राय बहादुर गुजरमल मोदी महेंद्रगढ़ से मेरठ के पास जाकर बस गए. उस जगह का नाम बदलकर मोदीनगर हो गया.
भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी गुजरात के जामनगर का रहने वाला है.
टाटा स्टील के पूर्व अध्यक्ष रूसी मोदी और फिल्मी दुनिया के सोहराब मोदी मुंबई के पारसी थे.
नहीं, सभी मोदी OBC नहीं हैं क्योंकि 'मोदी' नाम का कोई समुदाय या जाति OBC की केंद्रीय सूची में शामिल नहीं है.
OBC की केंद्रीय सूची में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए योग्य समुदायों और जातियों की सूची होती है. इसमें बिहार और राजस्थान में क्रमशः 136 और 68 ओबीसी सुमदायों की सूची में 'मोदी' शामिल नहीं हैं.