रामायण-महाभारत में डिप्लोमैट्स थे, हर राम को लक्ष्मण की जरूरत है... जयशंकर के बयान के क्या हैं मायने?

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि रामायण और महाभारत में कई राजनयिक थे. रामायण में हनुमान तो महाभारत में श्रीकृष्ण ने ये भूमिका निभाई थी. उन्होंने ये भी कहा कि हर राम को एक लक्ष्मण की आवश्यकता होती है. विदेश मंत्री का मतलब सहयोगियों से और उनके महत्व से था.

Om Pratap

Why Bharat Matters EAM Jaishankar book references ramayana: विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा है कि हर राम को लक्ष्मण की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि रामायण हो या फिर महाभारत, हर काल में बेहतरीन राजनयिक हुए हैं. रामायण में ये भूमिका भगवान हनुमान ने तो महाभारत में राजनयिक की भूमिका श्रीकृष्ण ने निभाई थी. उन्होंने माता सीता की खोज करने वाले वानर सेना का नेतृत्व करने वाले अंगद और उनकी मां तारा का भी जिक्र किया. विदेश मंत्री जयशंकर बुधवार को न्यूज एजेंसी ANI के साथ विशेष बातचीत में ये बातें कही. दरअसल, विदेश मंत्री की नई किताब 'Why Bharat Matters' आई है, जिसके बारे में उन्होंने कई जानकारियां दीं.

ANI के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बातचीत के दौरान जयशंकर ने अपने विदेश सचिव और फिर विदेश मंत्री के कार्यकाल के बारे में भी बातचीत की और इसी दौरान उन्होंने महाकाव्य रामायण और महाभारत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हर राम को लक्ष्मण की जरूरत होती है. लक्ष्मण से उनका मतलब सहयोगी और उसके महत्व से था. विदेश मंत्री ने कहा कि पहले भी राजनयिक हुए हैं. इनमें भगवान हनुमान, भगवान श्रीकृष्ण, अंगद, उनकी मां तारा... ये ऐसे राजनयिक थे, जिन्होंने विपरित परिस्थियों में भी अपने कूटनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया. 

क्या भारत के पास कोई लक्ष्मण है?

क्या भारत के पास भी कोई लक्ष्मण है, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने फ्रांस का नाम लिया और कहा कि मेरी नई किताब 'Why Bharat Matter' में फ्रांस पर पूरा एक चैप्टर है. उन्होंने कहा कि अगर क्वाड की बात की जाए तो इसकी तुलना दशरथ के चार बेटों से की जा सकती है, क्योंकि मौलिक समानताएं थीं. उन्होंने कहा कि भगवान राम के वनवास के लिए निकलने के बाद लक्ष्मण उनके साथ पूरे 14 साल रहे. बीच में भरत और शत्रुघ्न उनसे मिलने भी गए. इसी तरह QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) में शामिल देश अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ हैं. बता दें कि क्वाड चार देशों का एक समूह है, जिसमें भारत के अलावा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल है.