आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से बार-बार एक दलील दी जाती थी कि सीबीआई केस में उन्हें कभी आरोपी नहीं बनाया गया. राउस एवेन्यू कोर्ट में पेशी से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल को CBI द्वारा गिरफ्तार करने की खबरें आईं. हालांकि, सीबीआई ने राउस एवेन्यू कोर्ट से ही केजरीवाल को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया. पेशी के दौरान सीबीआई ने अपनी दलीलों में बताया कि अरविंद केजरीवाल को उसने अब क्यों गिरफ्तार किया. आबकारी नीति में गड़बड़ी की बात कहते हुए सीबीआई ने कहा कि एक नया अफसर आया, पुरानी फाइल हटाकर नई फाइल लाई गई और बिना मीटिंग के ही नई आबकारी नीति बना दी गई. इतना ही नहीं, सीबीआई ने यह भी कहा कि साउथ लॉबी उस समय दिल्ली में मौजूद थी और उसने अपनी मौजूदगी में आबकारी नीति बनाई.
आज की सुनवाई में केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. ऐसे में इस सुनवाई को कल के लिए टाल दिया जाए, ताकि वह कागज देख सकें और अगले दिन तैयारी के साथ आ सकें. इस पर सीबीआई ने कहा कि ये सारे आरोप गलत हैं और वह चाहती तो चुनाव के पहले भी गिरफ्तारी कर सकती थी लेकिन उसने पूछताछ और कोर्ट की अनुमति के बाद ही गिरफ्तारी की है. सीबीआई के वकील ने यह भी कहा कि हर बार सीबीआई पर आरोप लगे हैं और उसने हर परीक्षा को पास किया है.
सीबीआई ने क्या आरोप लगाए?
आज की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सिलसिलेवार ढंग से बताया कि ईडी के बाद उसने अरविंद केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने कोर्ट में ही अरविंद केजरीवाल से लगभग 15 मिनट पूछताछ की. इसके बाद सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसने अरविंद केजरीवाल को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने साउथ लॉबी, मनीष सिसोदिया, अधिकारियों, आम आदमी पार्टी के नेताओं का भी जिक्र किया और विस्तार में अपना पक्ष रखा. आइए सीबीआई के आरोपों के बारे में जानते हैं.
- मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी विजय नायर को लोगों से कोऑर्डिनेट करने का काम किया दिया गया था.
- साउथ लॉबी कोरोना महामारी के बीच दिल्ली आई. उन लोगों ने रिपोर्ट बनाकर अभिषेक बोइनपल्ली को दी, यही रिपोर्ट विजय नायर के जरिए मनीष सिसोदिया तक पहुंचाई गई.
- कोई मीटिंग नहीं हुई. उसी दिन सबके दस्तखत हो गए और आबकारी नीति अधिसूचित कर दी गई. इस सबमें मुख्यमंत्री की ही भूमिका है, उन्हीं के निर्देशों पर सब हुआ. साउथ लॉबी दिल्ली में थी और उसकी मौजूदगी में सब हुआ.
- इन लोगों ने जनता की राय ली. हमारे पास सबूत हैं कि आम आदमी पार्टी ने एक खास जगह से अपने मुताबिक, लोगों की राय अपनी पसंद के मुताबिक ली.
- एक अधिकारी राहुल सिंह ने आम आदमी पार्टी के मुताबिक, जनता की राय ली.
- पुरानी फाइल हटा दी गई. एक अधिकारी ने अपने बयान में बताया कि नई फाइल बनाई गई. इसी के बाद साउथ ग्रुप ने रिपोर्ट बनाई. फिर सरकारी रिपोर्ट बनाई गई. यह रिपोर्ट वैसी ही थी जैसी रिपोर्ट साउथ ल़ॉबी की थी.
- यही वजह है कि रिपोर्ट या सुझावों में 12 पर्सेंट का जिक्र नहीं था. पहले 5 पर्सेंट की बात थी जिसे 12 पर्सेंट कर दिया गया. इससे पहले Indo Spirits योग्य नहीं थी लेकिन बदलाव के बाद उसे भी परमिशन मिल गई. क्लियरेंस मिलते ही यह कंपनी परनोड रिकोर्ड की मुख्य होल सेलर बन गई.
- दो अधिकारी बदले गए, नई फाइल बनाई गई, नया अफसर आया और उसने नए कैबिनेट नोट के निर्देश दिए. इसी नीति को सरकार ने मंजूरी दी. मीटिंग का कहीं कोई जिक्र नहीं है, कहीं कोई चर्चा नहीं हुई और ना ही होलसेल मॉडल को लेकर कोई बात हुई.
- साउथ लॉबी के लोग दिल्ली के ओबेरॉय होटल में ठहरे हुए थे. उसी दौरान मनीष सिसोदिया ने एक नोट भेजा. उसी दिन साउथ लॉबी ने कंप्यूटर एक्सेस किया और प्रिंटआउट निकाले. बोइनपरल्ली और बुची बाबू टैक्सी लेकर विजय नायर के दफ्तर के पास गए.
- मगुंटा रेड्डी से मुलाकात के बाद सब शुरू हुआ. उसी दिन विजय नायर की भी मीटिंग हुई. केजरीवाल ने मगुंटा रेड्डी से अपने दफ्तर में मुलाकात की और सपोर्ट का वादा किया.
- इसके बाद के कविता ने रेड्डी से संपर्क किया और विजय नायर हैदराबाद गए. अगले ही दिन कविता ने रेड्डी से करोड़ों रुपये मांगे. राघव मगुंटा को होलसेल बिजनेस में पार्टनरशिप मिल गई. यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था.
- हमें कस्टडी में पूछताछ करनी है. मुख्यमंत्री विजय नायर के बारे में कह रहे हैं कि वह उनके साथ काम ही नहीं करते थे. वह कहते हैं कि विजय नायर आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज करते थे. वह सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल रहे हैं. उन्हें कागजात दिखाने की जरूरत है.
- सीएम गोवा के एक होटल में रुकते हैं, उस होटल को ऐसा आदमी पैसे देता है जिसे हवाला के जरिए पैसे मिलते हैं.