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दिल्ली में 20 को शपथ ग्रहण, फिर भी CM का ऐलान क्यों नहीं कर पा रही BJP, आखिर कहां फंसा पेंच?

Delhi Chief Minister: दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करना पार्टी के लिए एक चुनौती बन चुका है. अब देखने वाली बात यह होगी कि कौन नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचता है और पार्टी की आगामी योजनाओं में किसे प्रमुख भूमिका दी जाती है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Who will become Chief Minister of Delhi BJP not decided Oath Ceremony on 20th February Parvesh Verma
Courtesy: Social Media

Delhi Chief Minister:  दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को हराते हुए 48 सीटों पर जीत हासिल की. इस बड़ी जीत के बाद भी बीजेपी अभी तक अपने मुख्यमंत्री का ऐलान नहीं कर पाई है. 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पेंच अभी भी उलझा हुआ है. तो आखिर क्या वजह है कि बीजेपी अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर पाई, और कौन-कौन से नेता हैं जो इस पद के दावेदार माने जा रहे हैं?

शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन

सूत्रों के मुताबिक, 20 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. हालांकि, समारोह की जगह और समय की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन यह संभावना जताई जा रही है कि यह आयोजन जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होगा. शपथ ग्रहण से पहले बीजेपी के 48 नए निर्वाचित विधायकों की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर विचार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री के रेस में कौन-कौन से चेहरे

दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं. सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने मुख्यमंत्री के लिए 15 नेताओं की एक सूची तैयार की है, जिनमें से 9 नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. इनमें से कुछ प्रमुख दावेदार निम्नलिखित हैं:

प्रवेश वर्मा: बीजेपी के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराया है. उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माना जा रहा है.

विजेंद्र गुप्ता: तीसरी बार विधायक बने विजेंद्र गुप्ता ने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनकी राजनीतिक छवि मजबूत है और वह एक महत्वपूर्ण नाम माने जाते हैं.

राजकुमार भाटिया: दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष राजकुमार भाटिया का संगठन में मजबूत आधार है. वह संघ से जुड़े रहे हैं और उनकी कार्यशैली को लेकर पार्टी में सकारात्मक विचार हैं. चुनाव के दौरान वह झुग्गी-झोपड़ी अभियान में भी सक्रिय रहे, जिसने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

रविंद्र इंद्रराज सिंह: पंजाबी दलित समुदाय से आने वाले रविंद्र पहली बार विधायक बने हैं. उनके पास जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बनने का एक मजबूत दावा है. देश में अभी तक कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं है, ऐसे में यह भी एक अहम फैक्टर हो सकता है.

शिखा राय: ग्रेटर कैलाश-1 से निगम पार्षद शिखा राय ने इस चुनाव में AAP के नेता सौरभ भारद्वाज को हराया था. वह महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं और उनकी राजनीतिक छवि भी पार्टी में मजबूत मानी जाती है.

बांसुरी स्वराज: बांसुरी स्वराज, जो कि दिवंगत पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी हैं, भी मुख्यमंत्री के पद की दौड़ में हैं. उनका नाम भी चर्चा में है क्योंकि वह एक नई पीढ़ी की नेता हैं और उनकी पृष्ठभूमि पार्टी के लिए लाभकारी हो सकती है.

क्यों नहीं हो पा रहा CM का ऐलान?

मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला न हो पाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. सबसे बड़ी वजह यह है कि बीजेपी ने अपनी जीत के बाद एक मेगा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें पूरे देश के बीजेपी नेताओं को बुलाया जाएगा. पीएम मोदी की वापसी के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक के बाद ही यह फैसला लिया जाएगा.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच का पेंच भी एक कारण हो सकता है. बीजेपी के भीतर कुछ नेताओं के बीच मुख्यमंत्री बनने को लेकर हलचल बनी हुई है, और इस मुद्दे पर कोई एक मत बनाने में समय लग रहा है.