दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और चुनाव के परिणामों के आधार पर फिर से मुख्यमंत्री पद पर बैठेंगे. अब केजरीवाल के इस ऐलान के बाद BJP ने इसे मात्र एक पीआर स्टंट करार दिया है तो वहीं केजरीवाल ने भी साफ कर दिया है कि उनकी जगह आम आदमी पार्टी से ही कोई सीएम बनाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से दिल्ली में नवंबर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है, जबकि वर्तमान में विधानसभा चुनाव 6 महीने बाद होने वाले हैं.
अब बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल को जमानत मिल जाने के बावजूद न तो वे कार्यकारी जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं और न ही फाइलों पर साइन कर सकते हैं, इसलिए इस्तीफा देने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है. वहीं केजरीवाल के इस फैसले को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्डा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी बेगुनाही को साबित करेंगे और इस स्थिति से बाहर निकलेंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ किया है कि वो दिल्ली की विधानसभा को भंग नहीं होने देंगे और वो इस्तीफा देकर नया सीएम चुनेंगे. उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में नया सीएम बनाया जाएगा. इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सीएम या कोई और पद नहीं ग्रहण करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के चुनाव एक साथ कराए जाएं. इन सब के बीच बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल अपनी पत्नी को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे. हालांकि, केजरीवाल ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी का ही कोई होगा.
आपको बता दें कि जब हेमंत सोरेन को जेल हुई थी तो उन्होंने भी अपने सीएम पद से इस्तीफा दिया था और विपक्ष का कहना था कि वह अपनी पत्नी को सीएम बनाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था. हालांकि, जब चारा घोटाला में लालू जेल गए थे तो उन्होंने अपनी पत्नी को ही सीएम बनाया था. ऐसे में अब केजरीवाल किसको सीएम बनाते हैं ये तो दो दिन बाद ही पता चलेगा.
अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा का ऐलान करते हुए कहा कि, 'मैं दिल्ली और देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या केजरीवाल ईमानदार है? आज से 2 दिन के बाद मैं सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला ना सुना दे. मैं जनता के बीच जाऊंगा, गली- गली में जाऊंगा और घर-घर में जाऊंगा. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो आप मुझे सपोर्ट करें लेकिन अगर आपको लगता है कि मैं गुनहगार हूं तो आप मुझे वोट मत देना.'
सुनीता केजरीवाल के बाद दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में जो नाम सबसे आगे है, वो राखी बिड़ला का है.
राखी बिड़ला: एससी चेहरा, पिछड़े वर्ग को ध्यान में रखकर आम आदमी पार्टी राखी को मुख्यमंत्री बना सकती है.
कैलाश गहलोत: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री हैं. केजरीवाल के करीबी और आम आदमी के सीनियर नेता हैं.
गोपाल राय: ये भी दिल्ली सरकार में मंत्री हैं और केजरीवाल की अबसेंस में ये पार्टी का कामकाज देखते हैं.
आतिशी मार्लेना: ये भी दिल्ली सरकार में मंत्री हैं. इनका नाम पहले भी मुख्यमंत्री के लिए सामने आ चुका है. खुद केजरीवाल ने अपनी गैरमौजूदगी में दिल्ली सचिवालय में 15 अगस्त को झंडा फहराने के लिए इनका नाम आगे किया था.
सौरभ भारद्वाज: दिल्ली कैबिनेट में शामिल सौरभ भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हैं. वे केजरीवाल के करीबी नेता भी माने जाते हैं.