दिल्ली में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुना जाएगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है. पार्टी के अंदर मंथन तेज हो गया है.
शीर्ष नेतृत्व लगातार बैठकें कर रहा है. मंगलवार को संसद भवन में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच लंबी चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली का मुख्यमंत्री बीजेपी के चुने हुए विधायकों में से ही होगा, किसी सांसद को यह पद नहीं दिया जाएगा.
जेपी नड्डा ने विधायकों से की मुलाकात
मंगलवार को जेपी नड्डा ने दिल्ली के 10 विधायकों से मुलाकात की. ये सभी विधायक व्यक्तिगत कर्टसी मीटिंग के लिए समय मांग रहे थे. इस दौरान नवनिर्वाचित विधायक सिखा रॉय, सतीश उपाध्याय, अनिल शर्मा, अरविंदर लवली, अजय महावार, रेखा गुप्ता और अनिल गोयल जैसे नेता शामिल थे. अगले एक-दो दिन में जेपी नड्डा कुछ और विधायकों से वन-टू-वन बातचीत करेंगे.
विधायकों ने क्या कहा?
जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद विधायकों ने कहा कि विधायक दल की बैठक या संभावित मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. विधायकों का कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) को हराने के बाद वे पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात करना चाहते थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस और अमेरिका से लौटने के बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है, जहां दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा.
16 फरवरी को हो सकती है विधायक दल की बैठक
मैदा रिपोर्ट्स के मुताबिक 16 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक कर सकती है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा.
मुख्यमंत्री की रेस में कई नाम चर्चा में
चर्चा यह भी है कि दिल्ली की कमान किसी महिला को सौंपी जा सकती है. अगर ऐसा होता है, तो यह चौथी बार होगा जब दिल्ली को महिला मुख्यमंत्री मिलेगी.
27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है बीजेपी
बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 48 सीटों पर जीत दर्ज की है और 27 साल बाद सरकार बनाने जा रही है. आखिरी बार 1998 में बीजेपी की दिल्ली में सरकार थी. चुनाव परिणामों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को बीजेपी मुख्यालय में रणनीति पर मंथन किया था. अब सभी की नजरें 16 फरवरी को होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जिसमें दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम सामने आ सकता है.