मंगलवार को होगा किसका मंगल ? BJP को अब भी बड़ी चिंता, कांग्रेस को याद आ रहीं 5 गलतियां
Lok Sabha Election 2024 Result: मंगलवार, 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आ रहे है. इससे पहले सभी दलों ने तैयारी कर ली है. एग्जिट पोल के अनुसार NDA को बहुमत मिलने जा रहा है और इंडिया गठबंधन हार रहा है. आइये ऐसे में जानें वो कुछ बातें जो BJP की चिंता बढ़ा रही है. वहीं वो 5 गलती जो कांग्रेस याद कर रही है.
Lok Sabha Election Result: देश में 7 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो गई. 1 जून को आखिरी चरण की वोटिंग के बाद एग्जिट पोल आ गए. इसके अनुसार, बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA को बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को सत्ता का रास्ता दूर ही नजर आ रहा है. अब ऐसे समय में भी कुछ बातें हैं जो NDA और BJP के लिए चिंता का विषय हैं. वहीं एक्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस को 5 गलतियां याद आ रही है.
देश के 18वें आम चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में NDA को 360 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन को 100 के आसपास सीटें मिलती नजर आ रही हैं. बाकी की सीटें अन्य के खाते में जा रही हैं. आइये जानें अब भी BJP की चिंता क्या है और इस चुनाव में कांग्रेस ने क्या गलतियां की हैं?
BJP की चिंता
- 10 साल की सरकार के सत्ता विरोधी भावना पैदा हुई. इसे भाजपा सरकार बनने के बाद कंट्रोल करना होगा.
- बेरोजगारी, खाद्य सामग्रियों के बढ़ते दाम, महंगाई को कंट्रोल करना सरकार बनने के बाद भी एक चिंता का विषय है.
- स्वतंत्र संस्थानों को लेकर उठा मुद्दा भी भाजपा के लिए एक चिंता का विषय है.
- चुनावी बांड के कारण विपक्ष के साथ ही आम जन में भी पूंजीवाद की बात शुरू हुई है. इसे गलत साबित करना होगा.
- चुनाव के दौरान दिए गए भाषणों के कारण एक बड़ी आबादी इसकी चर्चा कर रही है. इसे शांत करना होगा.
कांग्रेस की 5 गलतियां
- नीतीश कुमार को INDIA गठबंधन का संयोजक बनाने में झिझक
- मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा न बनाना
- इंडिया गठबंधन का हर फैसले को लेकर देरी करना
- जिन मुद्दों पर पहले घिरी उन मुद्दों पर भाजपा को न घेर पाना
- निजी तौर पर कांग्रेस का टिकटों में देरी करना और आखिरी मौके पर नामों का ऐलान
- INDIA गठबंधन का संयोजक का पद किसी भी तरह से लाभ रहित था. अगर नीतीश कुमार को ये कुर्सी दे दी जाती तो वो गठबंधन का हिस्सा होते और इसका असर उत्तर प्रदेश बिहार में दिखता.
- ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए दिया लेकिन कांग्रेस ही इससे पीछे हट गई. अगर वो फेस होते तो बीजेपी के पास उनपर निशाना साधने के लिए कुछ खास न होता और साउथ में गठबंधन को अच्छी सीटें मिलतीं.
- सितंबर से दिसंबर 2023 के बीच का समय खाली बात गया. इंडिया गठबंधन बस बैठक करता रहा और लोगों को मनाता रहा. अगर समय से सीट बंटवारा, नेतृत्व की ज़िम्मेदारियां, अभियान की रणनीति तय होती तो चुनाव में इसका असर दिखता.
- कांग्रेस को पहले भ्रष्टाचार के आरोपों में पराजय का सामना करना पड़ा. हालांकि, कई मामले बाद में अदालतों से खारिज हो गए. इसके बाद भी कांग्रेस चुनावी बॉन्ड, जांच एजेंसी, पूंजीवाद के मामलों को भुना नहीं पाए.
मंगलवार को किसका मंगल
खैर, जनता ने अपना फैसला कर दिया है. रिजल्ट का आना बाकी है जो 4 जून को सबके सामने होगा. तब देखना होगा बीजेपी के प्रयास कितने कारगर होते हैं और कांग्रेस की गलतियां क्या वाकई में भारी नुकसान पहुंचा रही है.