बहुजन समाज पार्टी के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की बीते शुक्रवार को चेन्नई मे उनके घर के पास छह लोगों के गिरोह ने हत्या कर दी. तीन बाइक पर सवार होकर आए हत्यारों ने आर्मस्टांग पर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए. इस हाई प्रोफाइल हत्या के बाद एक्टिव हुई चेन्नई पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा, 'तमिलनाडु सरकार को दोषियों को दड़ित करना चाहिए'.
बता दें कि बाइक सवान गिरोह ने चेन्नई निगम के पूर्व पार्षद आर्मस्ट्रांग पर पेरम्बूर में उनके घर के पास हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए फिर आनन -फानन में उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां उन्होंने दम तोड़ दी.
के. आर्मस्ट्रांग ने वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरूपति से अपनी कानून की डिग्री पूरी की फिर चेन्नई की अदालतों में वकालत की. उसके बाद उन्होंने सबसे पहले 2006 में निगम पार्षद के रूप में क्षेत्र में काम किया और बाद में अगले ही साल बसपा पार्टी में शामिल हो गए. जहां आर्मस्ट्रांग को तिमलनाडु इकाई का अध्यक्ष बनाया गया.
साल 2011 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा जहां उनको डीएमके के एमके स्टालिन से करारी हार मिली थी. हालांकि चुनाव नहीं जीतने के बावजूद भी उन्हें दलितों का पर्याप्त समर्थन मिला था. आर्मस्ट्रांग ने अपने पूरे करियर के दौरान लगातार दलितों और वंचितों के अधिकारियों की आवाज को बुलंद किया. उनका झुकाव हमेशा दलितों की और ज्यादा रहा. यहीं वजह की क्षेत्र में उन्हें लोग बेहद पसंद करते थे.
The gruesome killing of Mr. K. Armstrong, Tamil Nadu state Bahujan Samaj Party (BSP) president, outside his Chennai house is highly deplorable and condemnable. An advocate by profession, he was known as a strong Dalit voice in the state. The state Govt. must punish the guilty.
— Mayawati (@Mayawati) July 5, 2024
चेन्नई में बीएसपी की कोई राजनीतिक उपस्थिति ना होने के बावजूद भी आर्मस्ट्रांग को एक दलित आवाज माना जाता था. इस बात का जिक्र मायावती ने भी एक्स पर किए पोस्ट में भी किया है. उन्होंने लिखा, 'बसपा के अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की नृशंस हत्या अत्यंत निंदनीय है. पेशे से वकील वे राज्य में दलितों की एक सशक्त आवाज के रूप में जाने जाते थे. राज्य सरकार को दोषियों को सजा देनी चाहिए'.