मोबाइल से हैक करा दी EVM मशीन? जानिए कौन हैं 48 वोट से जीतने वाले रवींद्र वायकर

Ravindra Waikar: ईवीएम को मोबाइल से अनलॉक कर देने के आरोपों और उस पर जारी बहस के बीच रवींद्र वायकर का नाम खूब चर्चा में है. रवींद्र वायकर ही वह सांसद हैं जो इस बार सिर्फ 48 वोटों के अंतर से लोकसभा का चुनाव जीते हैं. उनके एक रिश्तेदार पर आरोप हैं कि 4 जून को वोटों की गिनती के दौरान उसने मोबाइल फोन से ईवीएम को अनलॉक कर दिया. हालांकि, चुनाव आयोग ने इस तरह के आरोपों को फर्जी बताया है.

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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने पर रवींद्र वायकर ने खूब चर्चा बटोरी थी. लाखों वोटों वाले लोकसभा चुनाव में रवींद्र वायकर ने महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर सिर्फ 48 वोटों से जीत हासिल की थी. वह एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना की ओर से एनडीए के प्रत्याशी थे. अब उनके एक रिश्तेदार का मोबाइल फोन ईवीएम से जुड़े होने की खबरों के बाद वह फिर से चर्चा में हैं. चारों तरफ हंगामा मचा हुआ है और चुनाव आयोग को भी इस पर सफाई देनी पड़ी है. चुनाव आयोग ने साफ किया है कि ईवीएम को खोलने के लिए किसी तरह के ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं, विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं.

एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 4 जून को जब वोटों की काउंटिग हो रही थी, तब रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार एक फोन इस्तेमाल कर रहे थे ईवीएम से कनेक्टेड था. इसी को लेकर, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए. जवाब में बीजेपी ने मांग कर डाली कि जो लोग 'झूठ' फैला रहे हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई करे. राहुल गांधी ने एलन मस्क की एक पोस्ट को ट्वीट करके सवाल उठाए, जिसमें एलन मस्क ने कहा था कि ईवीएम को हैक करना आसान है.

कौन हैं रवींद्र वायकर?

रवींद्र वायकर की नई पहचान यह है कि वह मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं और शिवसेना के सांसद बने हैं. हालांकि, वह इस चुनाव में सिर्फ 48 वोटों से जीत हासिल कर पाए हैं. एक समय पर वह उद्धव ठाकरे के करीबी हुआ करते थे. उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच भी हुई थी. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रवींद्र वायकर 10 मार्च को एकनाथ शिंदे की शिवेसना में शामिल हो गए थे.

सांसद चुने जाने से पहले रवींद्र वायकर मुंबई की जोगेश्वरी ईस्ट विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक रहे हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर बीएमसी से शुरू किया था. वह चार बार पार्षद चुने गए थे. 2006 से 2009 तक वह बीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रहे थे. इतना ही नहीं, महा विकास अघाड़ी की सरकार और उससे पहले बीजेपी-शिवसेना सरकार के दौरान वह महाराष्ट्र के मंत्री भी रहे थे.

किस केस में आया था नाम?

उन पर कई बार पैसों की गड़बड़ी के आरोप भी लगे. साल 2016 में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने उन पर आरोप लगाए कि रवींद्र ने आरे मिल्क कॉलोनी में एक प्लॉट पर कब्जा कर लिया और उस पर विधायक निधि से एक पार्क बना दिया. हालांकि, अब वही संजय निरुपम और रवींद्र वायकर एक ही पार्टी में हैं. साल 2020 में बीजेपी के किरीट सोमैया ठाकरे परिवार के साथ-साथ रवींद्र वायकर के परिवार पर भी आरोप लगाए थे. सोमैया के मुताबिक, उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि और वायकर की पत्नी मनीष ने कुल 21 प्लॉट खरीदे.