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गैंग्स ऑफ खानपुर: कौन हैं MLA उमेश कुमार जिनके ऑफिस में प्रणव चैंपियन ने करी फायरिंग, जानें क्यों हैं जानी दुश्मन?

हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की यात्रा यह साबित करती है कि पत्रकारिता से राजनीति में आकर भी कोई व्यक्ति जनता की सेवा और राज्य के विकास के लिए काम कर सकता है. उनकी नेतृत्व क्षमता और जनसमर्थन इस बात का प्रमाण हैं कि वे राजनीति में अपनी जगह मजबूत कर रहे हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार
Courtesy: Social Media

हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार VS प्रणव चैंपियन की जंग सुर्खियों में है. बीते रोज गाली गलौच से शुरू हुई ये लड़ाई अब गोलीबारी पर आ गई है.आज खानपुर विधायक उमेश कुमार के ऑफिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. जिसके आरोप पूर्व MLA प्रणव चैंपियन पर लगे. ऑफिस फायरिंग के बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार भी गुस्से में गरम नजर आये. फिलहाल, पुलिस ने पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही उनके सभी शस्त्र लाइसेंस बरामद कर लिए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खानपुर विधानसभा सीट से विधायक उमेश कुमार ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. उनकी राजनीतिक यात्रा ने उन्हें उत्तराखंड की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बना दिया. 

चैंपियन पर खानपुर MLA के कार्यालय में तोड़फोड़-फायरिंग का आरोप

बता दें कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार की अदावत कोई नहीं नहीं है. ये दोनों ही नेता अक्सर लड़ते भिड़ते दिखाई देते हैं. सियासी जमीन हो फिर सोशल मीडिया दोनों ही जगह दोनों पॉलिटिकल नेता एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते हैं. इस बार मामले बयानबाजी से बढ़कर मारपीट और गोलीबारी तक पहुंच गया है. जिसके कारण विवाद बढ़ गया है.

जानिए कौन हैं उमेश कुमार?

उमेश कुमार ने 2022 के विधानसभा चुनाव में खानपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाग लिया था. इस चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की उम्मीदवार देव्यानी सिंह को हराकर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की. यह जीत उमेश कुमार के राजनीतिक प्रभाव और जनसमर्थन को दर्शाती है.

सीएम हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण में विवादित भूमिका

उमेश कुमार की चर्चा उस समय और भी बढ़ गई जब उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान सीएम हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण में अहम भूमिका निभाई. इस मामले ने उन्हें राज्य की राजनीति में सुर्खियों में ला खड़ा किया और उनकी पहचान एक साहसी और बेबाक पत्रकार के रूप में बनी.

पत्रकारिता से राजनीति में आने का निर्णय

उमेश कुमार के लिए पत्रकारिता से राजनीति में कदम रखना एक बड़ा फैसला था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी और जनसेवा के रूप में लिया. उनका मानना है कि उन्होंने पत्रकारिता के दौरान जो अनुभव और मुद्दों की गहराई देखी, वही अनुभव उन्हें राजनीति में और भी बेहतर काम करने में मदद कर रहा है.