चीन-पाकिस्तान पर पैनी नजर, 4 दशक का अनुभव, कौन हैं लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी, जो होंगे अगले सेनाध्यक्ष?
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी साल 1984 में सेना में भर्ती हुए थे. उन्हें जम्मू और कश्मीर राइफल्स की एक टुकड़ी में तैनात किया गया था. लेफ्टिनेंट द्विवेदी, चीन और पाकिस्तान की सैन्य रणनीति पर मजबूत नजर रखते हैं. उन्हें दोनों देशों से निपटने की रणनीति को लेकर 4 दशक का अनुभव है. अब वे नए सेना अध्यक्ष बनने वाले हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना के अगले सेनाध्यक्ष होंगे. केंद्र सरकार ने उन्हें 11 जून की रात नया आर्मी चीफ नियुक्त करने का ऐलान किया है. लेफ्टिनेंट द्विवेदी, मेजर जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. वे 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. वे अभी उप सेनाध्यक्ष के तौर पर तैनात हैं. वे 30 जून को ही अपना कार्यभार संभाल सकते हैं. मेजर जनरल मनोज पांडेय का कार्यकाल 1 महीनें के लिए चुनावों के बीच बढ़ा दिया गया था. अब ये जिम्मेदारी उपेंद्र द्विवेदी संभालेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, उप सेनाध्यक्ष हैं. वे सेना में मेजर जनरल मनोज पांडे के बाद सबसे सीनियर अधिकारी हैं. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह दोनों अब सबसे सीनियर अधिकारी हैं. उनके बाद सबसे सीनियर अधिकारी दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं.
आइए जानते हैं कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी.
- लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था.
- 15 दिसंबर 1984 को वे भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे.
- लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के कई अहम मोर्चे पर तैनात रहे.
- वे 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, 26 सेक्टर असम राइफल्स ब्रिगेड को संभाल चुके हैं.
- वे असम राइफल्स के डिप्टी IG रहे हैं.
- उन्होंने 9 कोर की कमान भी संभाली है.
- लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर उन्होंने सेना उपाध्यक्ष से पहले भी वे अहम पदों पर रहे हैं
- लेफ्टिनेंट द्विवेदी डायरेक्टर जनरल इन्फेंट्री और जनरल ऑफीसर कमांडिंग इन चीफ (नॉर्दन कमांड) भी रहे हैं.
- वे सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई कर चुके हैं.
- लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज महू में भी ट्रेनिंग ली है.
- वे एमफिल, आर्मी साइंस में डिग्री हासिल कर चुके हैं.
- वे USAWC, कार्लिस्ले, यूएसए में नेशनल डिफेंस कॉलेज से भी सम्मानित हो चुके हैं.
- उन्हें अपने अदम्य साहस के लिए परम विशिष्ट सेवा पदक (PVSM), अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM) और तीन GOC-IN-C प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है.