IAS बनने आए और बन गए अरविंद केजरीवाल के सबसे खास, पढ़ें ED के निशाने पर आए दुर्गेश पाठक की कहानी

Durgesh Pathak ED Summon: दिल्ली की आबकारी नीति मामले में ईडी ने अब AAP के विधायक दुर्गेश पाठक को समन जारी किया है. दुर्गेश पाठक को अरविंद केजरीवाल के सबसे खास लोगों में गिना जाता है.

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आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली की आबकारी नीति मुश्किल का सबब बनी हुई. मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता इसी केस में गिरफ्तार किए गए हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर AAP नेता और विधायक दुर्गेश पाठक आ गए हैं. बहुत कम उम्र में अरविंद केजरीवाल के सबसे खास नेताओं में से एक कहे जाने वाले दुर्गेश पाठक AAP के संगठन के आदमी कहे जाते हैं. राघव चड्ढा के राज्यसभा सांसद बनने के बाद वह दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने. अब ईडी ने आबकारी नीति केस में उन्हें समन जारी करके पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है.

कहा जाता है कि AAP में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद जैन के बाद जो सेकेंड लाइन है उसमें दुर्गेश पाठक सबसे खास हैं. यही वजह है कि पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव हों या फिर दिल्ली में एमसीडी के चुनाव, दुर्गेश पाठक ही प्रभारी के तौर पर काम देखते रहे हैं. कहा जाता है कि पार्टी के नेताओं, विधायकों और सांसदों का फीडबैक जानने के लिए भी अरविंद केजरीवाल अपने विश्वस्त दुर्गेश पाठक की ही मदद लेते हैं.

कौन हैं दुर्गेश पाठक?

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के निवाली दुर्गेश पाठक दिल्ली में सिविल सेवा की परीक्षाओं की तैयारी करने आए थे. इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई इलाहाबाद से करने वाले दुर्गेश पाठक के पिता का नाम मथुरा पाठक है. साल 2011 में अन्ना आंदोलन से जुड़े हजारों युवाओं में एक नाम दुर्गेश पाठक का भी रहा. पार्टी के कार्यकर्ता बताते हैं कि दुर्गेश पाठक गली-मोहल्लों में AAP के कार्यक्रम कराने से लेकर बड़ी-बड़ी रैलियां कराने में भी सक्रिय रहे हैं. 

यही वजह है कि 2017 में पंजाब चुनाव के दौरान उन्हें AAP की ओर से सह प्रभारी बनाया गया. दुर्गेश पाठक की अगुवाई में ही AAP ने इस बार एमसीडी का चुनाव लड़ा और 15 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखा दिया. दुर्गेश पाठक 2020 के विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से चुनाव भी लड़े थे लेकिन करीबी मुकाबले में वह चुनाव हार गए थे.

बाद में जब राघव चड्ढा राज्यसभा चले गए तो राजेंद्र नगर विधानसभा सीट खाली हो गई. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर अपने सबसे भरोसेमंद सिपहसालार दुर्गेश पाठक को चुनाव में उतार दिया. इस बार दुर्गेश पाठक चुनाव भी जीत गए और दिल्ली की विधानसभा के सदस्य बन गए. अब आबकारी नीति मामले में ईडी उनसे पूछताछ कर रही है.