menu-icon
India Daily

75th Republic Day: भारत के लिए मैक्रों की मेहमान नवाजी के क्या है मायने, जानें क्या है गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट चुनने का प्रोसेस

Chief guest for 75th Republic Day: भारत इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है जिसका जश्न देशभर में देखने को मिलेगा. 75वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली दुल्हन की तरह सजी नजर आएगी तो वहीं पर राजपथ झांकियों के रूप में लोगों को मिनी इंडिया भी देखने को मिलेगा.

auth-image
Edited By: Vineet Kumar
Republic Day 2024

हाइलाइट्स

  • 6 महीने पहले ही शुरू हो जाती है चीफ गेस्ट चुनने की प्रक्रिया
  • सेलेक्शन प्रोसेस में ये बातें भी होती हैं खास

Chief guest for 75th Republic Day: भारत इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है जिसका जश्न देशभर में देखने को मिलेगा. 75वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली दुल्हन की तरह सजी नजर आएगी तो वहीं पर राजपथ झांकियों के रूप में लोगों को मिनी इंडिया भी देखने को मिलेगा. गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर भारत ने मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया है जो कि इस कार्यक्रम में शामिल होते नजर आएंगे. 

राष्ट्रपति मैक्रों के गणतंत्र दिवस में चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचने से फ्रांस और भारत के बीच मजबूत रिश्तों को बढ़ाने के लिहाज से देखा जा रहा है, साथ ही भारत की ओर से यह निमंत्रण दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक मौका भी होगा. ऐसे में एक सवाल यह भी बनता है कि आखिर भारत कैसे गणतंत्र दिवस पर आने वाले विदेशी मेहमानों का चयन करता है और इसकी प्रक्रिया क्या है.

6 महीने पहले ही शुरू हो जाती है चीफ गेस्ट चुनने की प्रक्रिया

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के चयन का सफर करीब छह महीने पहले ही शुरू हो जाता है. यह एक सोच समझकर लिया जाने वाला फैसला होता है, जिसमें कई पहलुओं पर विचार किया जाता है. सबसे अहम भूमिका भारत और उस देश के रिश्तों की होती है. भारत उस देश को आमंत्रित करता है, जिसके साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध हों. आपसी सहयोग, व्यापारिक संबंध, रक्षा साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर समान विचारधारा जैसे कारक महत्वपूर्ण होते हैं.

सेलेक्शन प्रोसेस में ये बातें भी होती हैं खास

  • कभी-कभी भारत सामरिक दृष्टिकोण से भी मुख्य अतिथि का चयन करता है. जैसे किसी महत्वपूर्ण क्षेत्रीय या वैश्विक मुद्दे पर सहयोग पाने के लिए किसी खास देश के नेता को आमंत्रित किया जा सकता है.
  • भारत इस बात का भी ध्यान रखता है कि अलग-अलग क्षेत्रों के देशों को बारी-बारी से मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाए. इससे हर क्षेत्र के साथ संबंध मजबूत होते हैं और भारत की छवि एक संतुलित और खुले विचारों वाले देश के रूप में बनती है.
  • हालांकि मुख्य अतिथि का चयन आमतौर पर देश पर आधारित होता है, लेकिन कभी-कभी किसी खास व्यक्तिगत नेता के महत्व को भी ध्यान में रखा जाता है. किसी ऐसे नेता को आमंत्रित करना जो वैश्विक स्तर पर आदर और सम्मान प्राप्त करता हो, भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को ऊंचा कर सकता है.
  • भारत विदेश मंत्रालय के जरिए संभावित देशों को औपचारिक निमंत्रण भेजता है. यदि कोई देश निमंत्रण स्वीकार करता है, तो उसके बाद मेहमाननवाजी, सुरक्षा, कार्यक्रम आदि की विस्तृत तैयारी की जाती है.

गणतंत्र दिवस पर भारत ने अब तक की 50 से ज्यादा मेहमानों की मेजबानी

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि का होना किसी देश के लिए बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है. 2024 गणतंत्र दिवस के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. भारत ने अब तक 50 से अधिक देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है.

भारत के लिए क्या है मैक्रों की अहमियत

14 मई 2017 को पदभार संभालने वाले मैक्रों राष्ट्रपति बनने से पहले एक इन्वेस्टमेंट बैंकर थे और बाद में इकॉनामिक मिनिस्टर के रूप में भी काम किया.वह फ्रांस के लिए सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले व्यक्ति हैं.  मैक्रों एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति बने, जिसने फ्रांस की पारंपरिक दो-दलीय प्रणाली को चुनौती दी और यूरोपीय संघ को मजबूत बनाने और वैश्विक स्तर पर फ्रांस की भूमिका को बढ़ाने पर जोर देते हैं. उन्हें जलवायु परिवर्तन, असमानता और शिक्षा जैसे मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखने के लिए जाना जाता है.