Chief guest for 75th Republic Day: भारत इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है जिसका जश्न देशभर में देखने को मिलेगा. 75वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली दुल्हन की तरह सजी नजर आएगी तो वहीं पर राजपथ झांकियों के रूप में लोगों को मिनी इंडिया भी देखने को मिलेगा. गणतंत्र दिवस 2024 के मौके पर भारत ने मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया है जो कि इस कार्यक्रम में शामिल होते नजर आएंगे.
राष्ट्रपति मैक्रों के गणतंत्र दिवस में चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचने से फ्रांस और भारत के बीच मजबूत रिश्तों को बढ़ाने के लिहाज से देखा जा रहा है, साथ ही भारत की ओर से यह निमंत्रण दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक मौका भी होगा. ऐसे में एक सवाल यह भी बनता है कि आखिर भारत कैसे गणतंत्र दिवस पर आने वाले विदेशी मेहमानों का चयन करता है और इसकी प्रक्रिया क्या है.
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के चयन का सफर करीब छह महीने पहले ही शुरू हो जाता है. यह एक सोच समझकर लिया जाने वाला फैसला होता है, जिसमें कई पहलुओं पर विचार किया जाता है. सबसे अहम भूमिका भारत और उस देश के रिश्तों की होती है. भारत उस देश को आमंत्रित करता है, जिसके साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध हों. आपसी सहयोग, व्यापारिक संबंध, रक्षा साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर समान विचारधारा जैसे कारक महत्वपूर्ण होते हैं.
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि का होना किसी देश के लिए बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है. 2024 गणतंत्र दिवस के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. भारत ने अब तक 50 से अधिक देशों के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है.
14 मई 2017 को पदभार संभालने वाले मैक्रों राष्ट्रपति बनने से पहले एक इन्वेस्टमेंट बैंकर थे और बाद में इकॉनामिक मिनिस्टर के रूप में भी काम किया.वह फ्रांस के लिए सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति का पदभार संभालने वाले व्यक्ति हैं. मैक्रों एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति बने, जिसने फ्रांस की पारंपरिक दो-दलीय प्रणाली को चुनौती दी और यूरोपीय संघ को मजबूत बनाने और वैश्विक स्तर पर फ्रांस की भूमिका को बढ़ाने पर जोर देते हैं. उन्हें जलवायु परिवर्तन, असमानता और शिक्षा जैसे मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखने के लिए जाना जाता है.