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9 बार विधायक, 6 बार मंत्री, 'पुराने चावल' हैं बीजेपी को अयोध्या में हरा देने वाले अवधेश प्रसाद

Awadhesh Prasad: समाजवादी पार्टी के पुराने नेता और मुलायम सिंह यादव के शिष्य कहे जाने वाले अवधेश प्रसाद ने बीजेपी को ऐसा झटका दिया है कि उसके कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष नेतृत्व के लोग भी परेशान हो गए हैं.

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Awadhesh Prasad
Courtesy: Social Media

चुनाव में कोई हारता है, कोई जीतता है. किसी की मेहनत काम आती है तो किसी की बेकार चली जाती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को गहरा दर्द दे गई है. राम मंदिर के उद्घाटन के बाद फैजाबाद लोकसभा सीट को अपना सुरक्षित किला मान रही बीजेपी की उम्मीदों को समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने झकझोर दिया है. बीजेपी के समर्थकों से लेकर शीर्ष नेतृत्व भी सन्न रह गया है कि आखिर अयोध्या में उसे हार कैसे मिल गई. हर कोई अवधेश प्रसाद के बारे में जानना चाहता है कि उन्होंने फैजाबाद में सिर्फ लल्लू सिंह ही नहीं, पूरी बीजेपी को कैसे पटखनी दे दी.

अवधेश प्रसाद वही हैं जो इमरजेंसी के समय जेल गए थे. उनके जेल में रहने के दौरान ही मां-बाप का साया उठ गया. आलम यह था कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भी अवधेश प्रसाद को पैरोल नहीं मिली. वह जेल में ही रह गए और उनके माता-पिता उन्हें छोड़कर दुनिया से रवाना हो गए. राम मंदिर वाले शहर में बीजेपी को हराने वाले अवधेश प्रसाद कहते हैं, 'इन लोगों ने राम के नाम का व्यापार कर दिया. हम तो यहीं पैदा ही हुए हैं, हम इनसे बेहतर राम भक्त हैं.'

कौन हैं अवधेश प्रसाद?

2022 में मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से विधायक बने अवधेश प्रसाद सपा के पुराने नेता हैं. वह उन चंद लोगों में शामिल रहे हैं जिन्होंने मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर सपा की नींव रखी थी. इस बार चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर ही अखिलेश यादव ने गलती से उन्हें पूर्व विधायक बोल दिया तो अवधेश ने उन्हें वहीं टोक दिया था. अखिलेश ने तुरंत कुछ ऐसा कहा जो 100 फीसदी सच साबित हो गया. अखिलेश यादव ने मंच से कहा था, 'अरे आपको पूर्व विधायक इसलिए बोल रहा हूं कि आप अब सांसद बनने वाले हो.' पहले तो सबने इस बात को हल्के में लिया लेकिन नतीजे आए तो अखिलेश यादव की यह बात भी सच हो गई.

21 साल की उम्र से राजनीति करने वाले अवधेश प्रसाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट हैं. 78 साल के हो चुके अवधेश प्रसाद कुल 9 बार विधायक बन चुके हैं और 6 बार वह उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने फैजाबाद मंडल के दिग्गज दलित नेताओं में गिना जाता है. इस बार जब अखिलेश यादव ने उन पर दांव लगाया तो लोगों ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया था. अब अवधेश प्रसाद ने साबित कर दिया है कि अखिलेश का वह फैसला एकदम सही था.

सिर्फ एक बार हारे चुनाव

अवधेश प्रसाद पहली बार 1977 में सोहावल नाम की विधासनभा सीट से विधायक चुने गए. इसके बाद 1985, 1989, 1993, 1996, 2002 और 2007 तक वह लगातार इसी सीट से जीतते रहे. 2012 में भी वह मिल्कीपुर सीट से चुनाव जीते. अब तक सिर्फ एक बार यानी साल 2017 में वह चुनाव हारे हैं. 2022 में वह फिर से मिल्कीपुर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. अब पहली बार वह सांसद भी बन गए हैं. बता दें कि वह यूपी सरकार में कुल 6 बार मंत्री बने हैं जिसमें से 4 बार तो वह कैबिनेट मंत्री ही रहे हैं.

अवधेश प्रसाद को मुलायम सिंह यादव का शिष्य कहा जाता है. शुरुआत में चौधरी चरण सिंह के क्रांति दल में रहे अवधेश प्रसाद इमरजेंसी में जेल गए थे. 1981 में लोकसदल और जनता पार्टी दोनों के वह महासचिव बने. बाद में साल 1992 में वह सपा की स्थापना के समय मुलायम सिंह यादव के साथ रहे. वह सपा के राष्ट्रीय महासचिव बने और अब तक इस पद पर बने हुए हैं. इससे पहले वह 1996 में अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.