2025 में सबसे ज्यादा किस बीमारी के शिकार होंगे लोग, एक्सपर्ट्स ने बता दिया
साल 2025 में कौन सी बीमारी तांडव मचाएगी, लोग किस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार होंगे. एक्सपर्ट्स ने इसकी जानकारी दे दी है. कोविड अचानक उभरा, तेजी से फैला और दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली. तब से लोग नई गंभीर बीमारी के बारे में काफी चिंतित हैं.
साल 2025 में कौन सी बीमारी तांडव मचाएगी, लोग किस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार होंगे. एक्सपर्ट्स ने इसकी जानकारी दे दी है. कोविड अचानक उभरा, तेजी से फैला और दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली. तब से लोग नई गंभीर बीमारी के बारे में काफी चिंतित हैं. 2025 तक किस संक्रामक रोग या वायरस से सबसे अधिक मौतें हो सकती हैं? इस सवाल के जवाब में विशेषज्ञों की नजरें कई उभरते हुए वायरस पर हैं, जिनमें से एक विशेष रूप से चिंता का कारण बन रहा है: इन्फ्लूएंज़ा A सबटाइप H5N1, जिसे आमतौर पर "बर्ड फ्लू" कहा जाता है.
बर्ड फ्लू: 2025 में एक बड़ी चिंता
COVID-19 महामारी ने दुनिया को अचानक से घेर लिया था और लाखों जिंदगियां बर्बाद कर दी थीं. इसके बाद से ही, दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारी अगली बड़ी महामारी के आने की संभावना को लेकर सतर्क हैं. हालांकि COVID अब वैक्सीनेशन के कारण कमजोर पड़ गया है. फिर भी, दुनिया में तीन संक्रामक बीमारियां जो सबसे अधिक चिंता का कारण बन रही हैं, वे हैं मलेरिया (जो एक परजीवी है), HIV (जो एक वायरस है) और टीबी (जो एक बैक्टीरिया है). इन तीनों बीमारियों से हर साल लगभग 20 लाख लोग मरते हैं.
लेकिन इस बीच, 2025 तक "नया खतरा" बनने की संभावना वाले वायरसों की सूची में इन्फ्लूएंज़ा A H5N1 सबसे आगे है. यह वायरस मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है, लेकिन हाल ही में कुछ अन्य पशुओं, जैसे गायों और घोड़ों में भी पाया गया है. यदि यह वायरस इंसानों में फैलने लगता है, तो यह एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है.
क्या है H5N1 बर्ड फ्लू का खतरा?
H5N1 बर्ड फ्लू का वायरस आमतौर पर पक्षियों के सियालिक रिसेप्टर्स पर हमला करता है, लेकिन जब यह इंसान के सियालिक रिसेप्टर्स से संपर्क करता है, तो इसे आसानी से फैलने में कठिनाई होती है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि इस वायरस के जीनोम में एक म्यूटेशन हो सकता है जो इसे इंसानों से इंसानों में फैलने में सक्षम बना सकता है. यह म्यूटेशन अगर हुआ, तो 2025 में एक महामारी के रूप में उभर सकता है.
दुनिया भर के स्वास्थ्य संगठन, जैसे कि अमेरिकी सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल (CDC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), बर्ड फ्लू और अन्य उभरते वायरसों के लिए तैयारियों पर काम कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर, यूके ने H5N1 बर्ड फ्लू के खिलाफ 50 लाख खुराक की वैक्सीन खरीदी है, ताकि 2025 तक इसके खतरे से निपटा जा सके.
बर्ड फ्लू से होने वाली समस्याएं
अगर H5N1 इंसानों में फैलने लगे, तो इसके फैलने की गति तेज हो सकती है, जिससे बड़ी संख्या में मौतें हो सकती हैं. हालांकि फिलहाल यह वायरस इंसान से इंसान नहीं फैलता, लेकिन इसका प्रभाव सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रहेगा. बर्ड फ्लू मुख्य रूप से पशुओं, विशेषकर पक्षियों में फैल रहा है, और इसका प्रभाव खाद्य आपूर्ति और कृषि पर भी पड़ेगा. यह न केवल पशु कल्याण के लिए खतरा है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
"वन हेल्थ" और संक्रमण की रोकथाम
H5N1 बर्ड फ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए "वन हेल्थ" दृष्टिकोण पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को एक-दूसरे से जुड़ा हुआ माना जाता है. इस दृष्टिकोण के तहत, यदि हम पर्यावरण और जानवरों में रोगों की पहचान और रोकथाम करते हैं, तो हम इन रोगों को इंसानों में फैलने से पहले रोक सकते हैं.
"धीमी महामारी": मलेरिया, HIV, और टीबी
हालांकि बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कई "धीमी महामारी" जैसे मलेरिया, HIV, तपेदिक और अन्य संक्रामक रोग अब भी इंसानों के बीच बड़ी संख्या में मौतों का कारण बन रहे हैं. ये बीमारियां, जो हर साल लाखों लोगों की जान ले लेती हैं, अभी भी स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनी हुई हैं. इसलिए, वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए यह जरूरी है कि वे न केवल उभरते हुए वायरसों पर नजर रखें, बल्कि इन "धीमी महामारियों" से निपटने के लिए भी सतर्क रहें.